-रीडिंग में किसी भी तरह से गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे मीटर रीडर

-मीटर रीडर के हाथ में होगा प्रोब डिवाइस, इसी के माध्यम से ली जाएगी रीडिंग

अगर आप बिजली विभाग के मीटर रीडर्स के मनमानी और अनाब शनाब बिजली बिल सही कराते-कराते परेशान हो चुके हैं तो आपकी यह परेशानी दूर होने वाली है. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) ने बिजली चोरी व विभाग को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले लोगों पर अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है. अब सभी बिजली मीटर की रीडिंग प्रोब डिवाइस से होगी. इसमें मैनुअल मीटर रीडिंग करके बिल बनाने की बजाए अब मशीन को सीधे मीटर से जोड़कर रीडिंग ली जाएगी. उसी रीडिंग से ऑटोमैटिक बिल बनेगा. इससे मीटर या रीडिंग नोट करने में कोई भी गड़बड़ी होगी तो तुरंत पकड़ी जा सकेगी और बिल्कुल सही बिल बनेगा. खास ये है कि प्रोब डिवाइस लगाते ही मीटर का सारा डेटा मोबाइल व टैब में आ जाएगा.

हर गड़बड़ी का लगेगा पता

अभी तक मीटर रीडिंग से लेकर बिल बनाने तक आए दिन उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि गलत रीडिंग नोट करने की वजह से बिल ज्यादा आया. कई जगह मीटर खराब होने के कारण रीडिंग गलत बताई जाती है, कहीं मीटर रीडर से मिलीभगत कर रीडिंग में ही फेरबदल कर कम बिल बना दिया जाता है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए पीवीवीएनएल द्वारा प्रोब बिलिंग की शुरुआत की गई है. इसमें मीटर के तार से प्रोब (मशीन) जोड़ने पर अपने आप मशीन में रीडिंग पहुंच जाएगी और उसी आधार पर बिल बनेगा.

पायलेट प्रोजेक्ट शुरू

बनारस मे प्रोब बिलिंग सुविधा की शुरुआत हो चुकी है. 33 केवी सब स्टेशन के सभी एरिया में यह व्यवस्था लागू होगी. एमडी ने यह निर्देश दिए गए हैं कि शहरी क्षेत्र में उन सब स्टेशनों को चिंिहत किया जाएगा जहां प्रोब डिवाइस पर मीटर डाउनलोडिंग में कम से कम दिक्कतें आ रही हैं.

मीटर की फोटो लेने के आदेश वापस

पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने पहले बिजली बिल की गड़बड़ी को रोकने के लिए मीटर की फोटो लेने के आदेश जारी किया था. लेकिन नये प्रोब डिवाइस के साथ रीडिंग लेने की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही ये आदेश वापस ले लिया गया है.

यह व्यवस्था लागू कर दी गई है. अभी शुरुआत में कुछ सब स्टेशन चयनित किए गए हैं जिनमें प्रोब बिलिंग होगी इसके बाद अन्य सभी सब स्टेशन एरिया में प्रोब बिलिंग के माध्यम से बिल बनाया जाएगा. इसके लिए बिलिंग एजेंसी को निर्देश दिया गया है.

आरडी सिंह, एसई, पीवीवीएनएल

Posted By: Vivek Srivastava