पॉलिटिक्स और क्रीमिनल्स का नेक्सस कोई नई बात नहीं है. इसे वोटर भी जानते हैं और नेता भी. बात आमतौर पर आई-गई हो जाती है और वोटर इस पॉलिटिकल रबिश को साफ करने के बारे में ज्यादा तबज्जो नहीं देता. इसका कारण कहीं न कहीं उसे पॉलिटिकल लीडर्स की हरकतों के बारे में ठीक से पता न होना या पॉलिटीशियंस के डार्क बैकग्राउंड के बारे में बहुत डिटेल्ड डेटा की कमी हो सकता है.

यूपी में इस बार करीब 55 लाख  वोटर्स 18-19 एज ग्रुप में हैं. 1.38 करोड़ नए वोटर्स हैं. यानी ऐसे लोगों की तादाद बड़ी है जिन्हें पॉलिटीशियंस के बारे में डिटेल मालूम होनी चाहिए. आज पॉलिटिकल लीडर्स की कहानी उन्हीं की जुबानी. उनके बारे में वह सारे डिटेल्स जो उन्होंने    इलेक्शन कमीशन के साथ एफिडेविट में शेयर किए हैं:

यूपी की कहानी


यूपी न केवल पॉलिटिकल इम्पार्टेंस के हिसाब से सबसे बड़ा स्टेट है, बल्कि पॉलिटीशियंस के क्रीमिनल बैकग्राउंड के बारे में भी यह इंडिया में सबसे आगे है. यूपी में टेंटेड इमेज वाले एमएलए का परसेंटेज सबसे अधिक है. यहां के टोटल एमएलए में 35 परसेंट के खिलाफ क्रीमिनल केसेज पेंडिंग हैं. आंकड़ों को थोड़ा और क्लियर करें तो पता चलता है कि 143 विधायकों के खिलाफ क्रीमिनल प्रोसीडिंग्स चल रही हैं. पोजीशन और भी सीरियस दिखती है जब आंकड़े बताते हैं कि यूपी में पॉलिटिकल लीडर्स और क्राइम का रिश्ता काफी गहरा है. इन क्रीमिनल केसेज में कुछ बहुत सीरियर नेचर के भी हैं.

 

यूपी के टॉप 3 करोड़पति एमएलए

 

नाम-अजय प्रताप सिंह
टोटल एसेट्स-31 करोड़ से अधिक
मूवेबल एसेट्स-1,11,89,703 करोड़
इमूवेबल एसेट्स-30,74,30,000 करोड़

 

नाम-नंद गोपाल गुप्ता
टोटल एसेट्स-15 करोड़ से अधिक
मूवेबल एसेट्स-9,94,68,727 करोड़
इमूवेबल एसेट्स-5,38,00,000 करोड़

 

नाम-उमलेश यादव
टोटल एसेट्स-14 करोड़ से अधिक
मूवेबल एसेट्स-8,43,86,061 करोड़
इमूवेबल एसेट्स-5,98,38,580 करोड़

 

अगर मैं एमएलए बनुंगी

अगर मैं एमएलए होती तो अपने एरिया के पार्कों को प्रॉपरली मेनटेन रखती, जिससे पब्लिक को सुबह-शाम टहलने के लिए घर के पास ही बढिय़ा स्पॉट मिल सकता. सीनियर सिटीजन और हाउसवाइफ की गपशप के साथ ही बच्चों के खेलने की एकमात्र जगह एरिया का पार्क ही होता है. पार्कों को अपडेट कराने के साथ ही उनके मेंटीनेंस पर भी ध्यान देती. अपने एरिया के लोगों को जोड़ कर प्लांटेशन करने पर जोर देती. यही नहीं एरिया को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए रोजाना सुबह घूमती और  लोगों से उनका फीडबैक भी लेती. -सोनल, स्टूडेंट

 

When your vote ischallenged?

In case your identity as a voter is challenged by a polling agent of any candidate, on the ground that you are not the person whose name is listed on the rolls, the Presiding Officer will ask the challenger to give evidence in proof, of his challenge. Similarly, he will ask you for proof of your identity. You can use your EPIC or any other supporting document like Passport, Ration card etc. for this purpose. If the challenge is not established, you will be allowed to vote. However, if challenge is established, you will be debarred from voting and handed over to the police with a written complaint by the Presiding Officer.

 

-यूपी में 403 एमएलएज में से 143 के खिलाफ क्रीमिनल केसेज चल रहे हैं.
-इन दागी 143 विधायकों में से 76 के खिलाफ बहुत ही सीरियस क्रीमिनल केसेज पेंडिंग हैं.
-यूपी एसेम्बली के 19 परसेंट मेंबर्स के खिलाफ सीरियस क्रीमिनल केसेज चल रहे हैं.
-यूपी में धीरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ 29 क्रीमिनल केसेज रजिस्टर्ड हैं. दूसरे नंबर पर सुशील कुमार हैं जिनके खिलाफ 14 केसेज हैं. इन क्रीमिनल केसेज में मर्डर और अटेम्प्ट टू मर्डर जैसे सीरियस मामले भी शामिल हैं.

 

यूपी में सबसे कम एसेट्स

 

नाम-कौशलेंद्र नाथ योगी
टोटल एसेट्स-51 हजार से अधिक
मूवेबल एसेट्स-51,933 रुपए
इमूवेबल एसेट्स-0

नाम-सुधीर कुमार
टोटल एसेट्स-1.29 लाख से अधिक
मूवेबल एसेट्स- 0
इमूवेबल एसेट्स-1,29,000

नाम-हरिओम
टोटल एसेट्स-1.50 लाख से अधिक
मूवेबल एसेट्स-0
इमूवेबल एसेट्स-1,50,000 रुपए

Posted By: Garima Shukla