- जयगुरुदेव आश्रम के दूसरे गुट ने चोलापुर में डाला डेरा

-फिर जुटेंगे लाखों भक्त, परमिशन केवल 4 हजार की

VARANASI

वाराणसी में जय गुरुदेव के अनुयायियों के समागम के दौरान हुई भगदड़ और उससे हुई मौतों ने एक बार फिर मथुरा के जवाहरबाग कांड की याद दिला दी है। वहां भी जय गुरुदेव के शिष्य रामबृक्ष के शक्ति प्रदर्शन और सनक ने दो पुलिसवालों सहित ख्ख् लोगों की जान ले ली थी। बीते शनिवार को वाराणसी में हुए हादसे में ख्भ् लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस हादसे को हुए अभी दो दिन भी नहीं बीते हैं कि अब एक और शक्ति-प्रदर्शन की तैयारियां वाराणसी में ही शुरू हो चुकी हैं।

जारी है सत्ता संघर्ष

मथुरा स्थित आश्रम में क्ख् मई ख्0क्ख् को जयगुरुदेव के निधन के बाद से ही उनकी सत्ता संभालने के लिए संघर्ष शुरू हो गया था। उनके कई करीबी अनुयायी उनकी गद्दी के दावेदार थे। उनमें प्रमुख थे उमाकांत तिवारी, जिनके बारे कहा जाता है कि बाबा ने उन्हें अपने जीते जी ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। दूसरे इस समय गुरुदेव की गद्दी पर आसीन पंकज यादव जो एक समय उनके ड्राइवर हुआ करते थे और तीसरा रामबृक्ष यादव, जो मथुरा में जवाहरबाग कांड का सूत्रधार बना। इन तीनों में जय गुरुदेव की मौत के बाद से ही उत्तराधिकार की लड़ाई चल रही थी।

इमेज बिल्डिंग के लिए समागम

वाराणसी में बाबा पंकज दास द्वारा आयोजित समागम दरअसल जवाहरबाग कांड के बाद जय गुरुदेव के आश्रम की इमेज को पहुंचे नुकसान की भरपाई के रूप में था। इसके लिए ही शाकाहार सदाचार समागम के रूप में लाखों भक्तों की भीड़ जुटाई गई ताकि संख्या बल के आधार पर आश्रम की शक्ति और लोकप्रियता का प्रदर्शन हो सके। अब इसी शक्ति प्रदर्शन के सिलसिले को बाबा के दूसरे शिष्य उमाकांत तिवारी ख्फ् अक्टूबर को आगे बढ़ाने जा रहे हैं।

इसमें भी प्रशासन से झूठ

जहां पंकज दास के समागम में तीन हजार लोगों के जुटने की बात प्रशासन को बता लाखों की भीड़ जुटाई गई, लगभग उसी ढर्रे पर उमाकांत तिवारी ने भी प्रशासन को केवल चार हजार भक्तों के जुटने की बात कहकर अनुमति ली है, जबकि चोलापुर के अल्लोपुर में रामजानकी मंदिर के ख्0 बीघा मैदान में तैयारियां बता रही हैं कि यहां भी लाखों की भीड़ जुटने वाली है ।

प्रशासन ने कहा, कैंसिल करो

सोमवार दोपहर एलआईयू के डिप्टी एसपी भवर सिंह पुण्डीर अपने दलबल के साथ पहुंचे और आयोजक गोपाल दीक्षित से कार्यक्रम को रदद् करने को कहा। वहीं आयोजन के प्रमुख गोपाल दीक्षित के मुताबिक समागम शहर से क्0 किलोमीटर दूर होना है। ऐसे में अगर प्रशासनिक मदद मिल जाए तो वे अपने वालेंटियर्स के साथ व्यवस्था संभाल लेंगे। उनके मुताबिक सभी को समागम की सूचना दी जा चुकी है। ऐसे में भक्तों को आने से मना करने पर महाराज पर से भक्तों का विश्वास उठ जायेगा। उनके मुताबिक प्रशासन उन्हें कार्यक्रम करने से मना करने के बजाय उनका सहयोग करे तो वे इस कार्यक्रम को बिना किसी अनहोनी के आयोजित कर लेंगे। वहीं आईजी जोन, वाराणसी एसके भगत का कहना है कि पिछली गलतियों से सबक लेते हुए जिला पुलिस को क्राइसिस मैनेजमेंट स्कीम को और प्रभावी बनाने को कहा गया है।

Posted By: Inextlive