अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग योजना नहीं चढ़ सकी परवान, सर्वे में सिमटी 200 करोड़ की योजना

बजट भी प्रस्तावित लेकिन सपा सरकार के जाते ही ठंडे बस्ते में योजना

Meerut। शहर की तंग गलियों में अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग की बिजली विभाग की महत्वाकांक्षी योजना केवल सर्वे तक सीमित होकर रह गई है। इस योजना के लिए विभाग ने बकायदा शहर के कई क्षेत्रों का चयन कर लाइन बिछाने का प्लान भी तैयार कर लिया था लेकिन योजना सर्वे से आगे ही नही बढ़ सकी।

सबसे पहले सरार्फा बाजार

दिल्ली की तर्ज पर अपने मेरठ को भी फाल्ट रहित अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग देने की योजना के तहत शहर में सर्राफा बाजार, वैली बाजार, लाला का बाजार जैसे अति संकरे इलाकों का सपा सरकार के समय चयन किया गया था। इस योजना के तहत सबसे पहले सर्राफा व्यापारियों को अंडरग्राउंड बिजली की सौगात देने की तैयारी की गई थी। कारण इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा फाल्ट होता था और ठीक करने के समय काफी परेशानियां हाेती थी।

ठंडे बस्ते में योजना

अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग योजना के लिए सर्राफा समेत शहर के अन्य व्यापारियों की कई दौर की बातचीत हुई। जिसके बाद ऊर्जा निगम ने अपने तकनीकी सलाहकारों की टीम को शहर के बाजारों में सर्वे के लिए लगाया। सर्वेयर टीम ने जमीन की खुदाई करके जगह का मुआयना किया और योजना की डीपीआर बनाकर शासन को भेजी। शासन ने योजना को हरी झंडी दिखाते हुए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित भी कर दिया। परंतु 2017 में सपा सरकार के जाते ही अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।

इस योजना के संबंध में तत्कालीन अधिकारियों ने कार्ययोजना बनाई होगी, जिसे दोबारा देखकर कार्य की जानकारी ली जाएगी।

बीएस यादव, चीफ इंजीनियर

इस योजना के लिए सर्राफा बाजार में कई गलियों में विद्युत विभाग द्वारा सर्वे किया गया था लेकिन काम सर्वे तक ही रह गया। सर्राफा व्यापारियों की मांग है कि जर्जर लाइनों को सही कराया जाए।

सर्वेश सर्राफ, अध्यक्ष, सर्राफा एसोसिएशन

Posted By: Inextlive