- मामला पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी का

- तकनीकी गड़बड़ी के बाद भी अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई गई

- 18 फरवरी तक होना है सत्र 2019-22 के छात्रों का रजिस्ट्रेशन

PATNA :

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी का पोर्टल छात्रों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। पहले जहां रजिस्ट्रेशन की समस्या थी और अब माइग्रेशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने पर भी एप्लीकेशन स्वीकार नहीं हो रहा है। टीपीएस कॉलेज, रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज, एएन कॉलेज समेत पीपीयू के अन्य कॉलेजों के हजारों छात्र दिन भर पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने और माइग्रेशन के लिए अप्लाई करने में ही परेशान रहे। उधर, पीपीयू प्रशासन न तो पोर्टल ओपन करने के पहले दिन और न ही दूसरे ही दिन इस बारे में कोई साल्यूशन लेकर आया। जब इस मामले को लेकर छात्र पीपीयू हेडक्वार्टर पहुंचे तो एग्जाम कंट्रोलर ने उन्हे पोर्टल में जल्द सुधार कर लेने का आश्वासन दिया। दिन भर रजिस्ट्रेशन में जुटे चंद छात्रों का ही रजिस्ट्रेशन प्रोसेस हो पाया।

माइग्रेशन के लिए नहीं हुआ अप्लाई

पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ी के कारण छात्रों का माइग्रेशन के लिए अप्लाई नहीं हो पाया। इस बारे में टीपीएस कॉलेज के छात्र काउंसिल के मेंबर चंदन कुमार चंचल ने बताया कि वैसे छात्र जो दूसरे यूनिवर्सिटी से पीपीयू में आए हैं, उनहें माइग्रेशन के लिए अप्लाई करना है। लेकिन वे ऑनलाइन अप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। जबकि रजिस्ट्रेशन और माइग्रेशन दोनों के लिए अप्लाई करने की अंतिम तिथि 18 फरवरी ही है।

अपडेट ही नहीं, कई छात्र वंचित

पीपीयू की लापरवाही का यह आलम है कि कई ऐसे छात्रों का ऑनलाइन कोई रिपोर्टिग ही नहीं किया गया है। यही वजह है कि पोर्टल पर कई छात्रों का नाम ही नहीं है। इसलिए वे अप्लाई भी नहीं कर सकते हैं। इस बारे में रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष लालू कुमार ने कहा कि यहां कॉलेज का 159 छात्रों का डिटेल यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर अपडेट ही नहीं है। उन्होंने बताया कि वे इस बारे में एग्जाम कंट्रोलर प्रवीण कुमार से मिले हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि दो दिनों में यह समस्या दूर कर ली जाएगी।

पीपीयू जाकर निराश हुए छात्र

इस समस्या को लेकर रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों के छात्र पीपीयू हेडक्वार्टर पहुंचे। लेकिन उनहें निराश ही हाथ लगी। छात्र प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे लालू कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कई अधिकारी उपस्थित नहीं थे। वीसी सर भी मौके पर नहीं थे। केवल एग्जाम कंट्रोलर से बात हुई और जल्द ही समस्या हल करने का भरोसा जताया गया। जबकि मौके पर यदि अन्य अधिकारी भी होते तो इस तकनीकी समस्या को जल्द हर कर लेने के लिए कोई ठोस प्रयास होता।

माइग्रेशन के लिए छात्र लगातार प्रयास करते रहे। लेकिन उन्हें पता ही नहीं चल रहा था कि प्रासेस आगे कैसे बढ़ेगा।

- विक्रम कुमार

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पीपीयू की यह तकनीकी गड़बड़ी है और इसका जल्द समाधान निकालना चाहिए। ताकि उनका समय बर्बाद न हो।

- पायल यादव

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जिन छात्रों का नाम अपडेट नहीं हुआ है। उसे तुरंत अपडेट कर ले पीपीयू ताकि वे कम से कम आवेदन कर सके।

- लालू कुमार

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Posted By: Inextlive