रेयान इंटरनेशनल स्‍कूल के प्रद्युम्‍न मर्डर केस में नाबालिग आरोपी पर अब बालिग जैसा केस चलेगा। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने रेप के एक मामले में 17 साल के एक नाबालिग आरोपी को पिछले साल ऐसे ही बालिग की तरह सामान्‍य कोर्ट में मुकदमा चलाने की इजाजत दी थी। ध्‍यान रहे कि मर्डर जैसे केस में बालिग आरोपी को कम से कम उम्र कैद और अधिकतम सजा फांसी है। जबकि नाबालिग को अधिकतम तीन साल के लिए बाल सुधार गृह में रखा जाता है।


प्रद्युम्न मर्डर केस के वकील ने दी जानकारीप्रद्युम्न मर्डर केस में उसके परिजनों की ओर से पैरवी कर रहे वकील सुशील टेकरीवाल ने जानकारी दी कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने प्रद्युम्न हत्या के 16 वर्ष के नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चलाए जाने की मंजूरी दे दी है। इस जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले का प्रद्युम्न के पिता वरूण ठाकुर ने स्वागत किया है। उनका कहना था कि हम जानते हैं कि न्याय के लिए हमें लंबा सफर तय करना होगा और हम अंत तक अपने बच्चे को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।प्रद्युमन मर्डर केस में नया ट्वीस्ट : जानें सीबीआई Vs हरियाणा पुलिस के खुलासे में 3 बड़े अंतररेप के एक मामले में पहली बार नाबालिक को बालिग की तरह माना गया आरोपी
दिल्ली में रेप के एक मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 17 साल के एक आरोपी को बालिग की तरह सामान्य कोर्ट में मुकदमा चलाने की इजाजत दी थी। बोर्ड के अध्यक्ष अरूल वर्मा ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग ने यह अपराध प्लान तरीके से काफी शातिराना अंदाज में किया है। उसने पहले बच्ची को स्कूल से बाइक पर ले गया। फिर कार में बैठाया फिर शराब खरीदा और एक फ्लैट में ले गया। यह सब पहले से नियोजित था और उसने सोच-समझ कर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। यह फैसला 17 अगस्त, 2016 को आया था।अब नहीं बचेंगे जघन्य अपराध करने वाले किशोर

Posted By: Satyendra Kumar Singh