भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट में पेश हुईं। यहां उन्होंने जजा से कहा कि मालेगांव ब्लास्ट के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है।


मुंबई (पीटीआई)। भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को 2008 मालेगांव विस्फोट मामले को लेकर एनआईए अदालत में पेश हुईं। जब विशेष एनआईए जज वी एस पडल्कर ने ठाकुर से पूछा कि क्या उन्हें विस्फोट के बारे में कुछ कहना है? तो उन्होंने कहा, 'मुझे कुछ नहीं पता।' बता दें कि उनके अलावा इस मामले के अन्य आरोपी भी अदालत में उपस्थित हुए। जज ने आरोपी को अपना आदेश पढ़कर सुनाया, जिसमें उन्होंने ठाकुर को सप्ताह में कम से कम एक बार अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अदालत ने अब तक 116 गवाहों की जांच की है, जिनमें डॉक्टर और 'पंच' भी शामिल हैं।धमाके के बारे में नहीं है जानकारी


उनके आदेश को पढ़ने के बाद, जज ने ठाकुर और एक अन्य आरोपी सुधाकर द्विवेदी को विटनेस बॉक्स में बुलाया। गवाहों के बयान का हवाला देते हुए, जज ने उनसे पूछा कि क्या वे जानते हैं कि सितंबर 2008 में उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव में एक बम विस्फोट हुआ था, जिसमें छह लोग मारे गए थे। इस पर, ठाकुर ने जवाब दिया, 'मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।' इसके बाद द्विवेदी ने भी इसी तरह का जवाब दिया। फिर, इस मामले में कार्यवाही के बारे में पूछे जाने पर, 49 वर्षीय सांसद ने कहा कि उन्हें अदालत द्वारा जांच किये गए गवाहों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं है। बता दें कि जहां कोर्ट में आरोपी बैठते हैं, वहां ठाकुर को आराम से बैठने के लिए एक लाल मखमल का कपड़ा बेंच पर रखा गया था। जब जज ने उन्हें विटनेस बॉक्स में बुलाया तो उन्होंने कहा कि वह अदालत द्वारा दी गई कुर्सी पर बैठने के बजाय खिड़की से झुक कर खड़ी रहेंगी।भोपाल : दिग्विजय सिंह की जीत के लिए कम्प्यूटर बाबा ने हजारों साधुओं संग किया हठ योग, रमाई धूनीचुनाव के बाद अदालत में पहली उपस्थिति

बता दें कि पिछले महीने भोपाल सीट से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह ठाकुर की अदालत में पहली उपस्थिति थी। पिछली बार वह इस मामले में अक्टूबर, 2018 में अदालत में पेश हुईं थीं, तब उनपर आरोप तय किया गया था। जज पडल्कर ने पिछले महीने ठाकुर सहित सभी आरोपियों को सप्ताह में कम से कम एक बार अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। तब जज ने कहा था कि उपस्थिति में छूट तभी दी जाएगी, जब सही कारण प्रस्तुत किए जाएंगे। अदालत फिलहाल इस मामले में गवाहों की गवाही दर्ज कर रही है। ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोग इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव  की एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में रखा बम विस्फोट हुआ, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि मोटरसाइकिल ठाकुर के नाम पर रेजिस्टर्ड थी, जिसके कारण 2008 में उसकी गिरफ्तारी हुई। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2017 में उन्हें  जमानत दे दी।

Posted By: Mukul Kumar