- सुंदर झालरों से हुई गुरुद्वारों की सजावट

- श्रद्धालुओं के लिए लंगर का हुआ विशेष प्रबंध

LUCKNOW गुरुनानक देव के जन्मदिवस के अवसर पर टयूजडे को विशेष दीवान गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला का नजारा काफी अदभुत दिखा। इस अवसर पर पूरा गुरुद्वारा खूबसूरती से सजाया गया। जिसमें दरबार हाल को बिजली की झालरों से सजाया गया था।

शबद कीर्तन गायन हुआ

सुबह से ही गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया। सभी अपनी अपनी विनती लेकर गुरुद्वारे में अर्जी लगाते रहे। मुख्य कार्यक्रम शाम 6 बजे से रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ, उसके उपरान्त ज्ञानी रोहतास सिंह ने गुरु नानक देव के जीवन पर प्रकाश डाला। रागी जत्था भाई सुखजीत सिंह हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर वालों ने 'सति गुर नानक प्रगटिआ मिटी जगि चानणु होआ' शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को निहाल किया। ज्ञानी राजविन्दर सिंह जी 'नंगल डैम आनन्दपुर' साहिब वालों ने गुरु नानक देव जी की बाणी पर कथा, व्याख्यान किया। रागी जत्था भाई जरनैल सिंह हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर वालों ने 'कलि तारन गुर नानक आइया' शबद कीर्तन गायन किया.मंच का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया।

पंच प्यारों की अगुवाई में निकली शाही सवारी

आज सुबह श्री अखण्ड पाठ साहिब की समाप्ति के उपरान्त पांच प्यारों की अगुवाई में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब की शाही सवारी को समूह संगत द्वारा शबद कीर्तन गायन करते हुए बाल संग्रहालय लॉन चारबाग में फूलों से सुसज्जित भव्य दरबार हाल में ले जाया गया जहां शाम बजे तक कार्यक्रम हुआ.दिन में 11.30 बजे से गुरु का लंगर का समूह संगत में वितरित किया गया।

शहर के सभी गुरुद्वारों में धूम

गुरुनानक जयंति के दिन नाका हिंडोला गुरुद्वारा और यहिया गंज स्थित गुरू तेग बहादुर गुरुद्वारा, आलमबाग, सदर समेत शहर के सभी गुरुद्वारे रोशनी में नहाए हुए नजर आए। गुरुद्वारे को सजाने का काम महीने भर पहले से शुरू हो गया था.रात के समय गुरुद्वारों की सजावट और भी खूबसूरत नजर आई प्रकाश पर्व के दिन लगभग हर गुरुद्वारे में लंगर लगाया गया।

फूलों से सजाया गया गुरु ग्रंथ साहिब

सुबह से ही सभी गुरुद्वारों में पूजनीय ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ हुआ और गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों से सजाया गया, इसके बाद इस पवित्र ग्रंथ को पालकी में रखकर नगर कीर्तन का आयोजन हुआ। नगर कीर्तन में गुरु ग्रंथ साहिब की सुसज्जित पालकी भव्य समारोह के रूप में निकाली जिसमें पालकी के आगे-आगे पंजप्यारे चलते रहे और श्रद्धालु चल समारोह के लिए मार्ग को साफ करते रहे। इस पर्व के दिन लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है।

Posted By: Inextlive