- सुंदर झालरों से हुई गुरुद्वारों की सजावट

- श्रद्धालुओं के लिए लंगर का विशेष प्रबंध

सुंदर झालरों से हुई गुरुद्वारों की सजावट

- श्रद्धालुओं के लिए लंगर का विशेष प्रबंध

LUCKNOW: lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: प्रकाश पर्व पर सुबह से रात तक जगतगुरू श्री गुरूनानक देवजी महाराजजी का प्रकाश पर्व ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू तेग बहादुर साहिबजी यहियागंज में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। गुरूद्वारा साहिब में विशेष प्रकार की लाइटें और फूलों की सजावट की गयी है। विशेष प्रकार का गेट बनाया गया है। इस अवसर पर रागी भाई दविंदर सिंह सोढ़ी लुधियाना वाले, रागी भाई कमलदीप सिंह ने शबद कीर्तन द्वारा भाव विभोर कर दिया। भजन जगत गुरू गुरूनानक और सतगुरू नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानन होआ कीर्तन से श्रद्धालु भक्ती रस में डूब गए।

लंगर का आयोजन

कथावाचक ज्ञानी नरिंदर पाल सिंह ने गुरूनानक देव जी के जीवन पर प्रकाश डाला। सचिव मनमोहन सिंह ने बताया कि सुबह से ही शबद कीर्तन का कार्यक्रम हुआ। देर रात एक बजे प्रकाश पर्व के समय फूलों की वर्षा हुई। सुबह से ही मिष्ठान प्रसाद व गुरू का लंगर और जलेबी रबड़ी, मैगी, पनीर चिली खीर व ब्रेड छोले का प्रसाद वितरित हुआ। इस अवसर पर डॉ। गुरमीत सिंह और मनमोहन सिंह, हेड ग्रन्थी ज्ञानी परमजीत सिंह ने साध संगत को गुरूनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर बधाई दी।

शहर के सभी गुरुद्वारों में धूम

गुरुनानक देव के जन्मदिवस के अवसर पर विशेष दीवान गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला का नजारा काफी अदभुत दिखा। इस अवसर पर पूरा गुरुद्वारा खूबसूरती से सजाया गया। जिसमें दरबार हाल को बिजली की झालरों से सजाया गया था। गुरुनानक जयंति के दिन नाका हिंडोला गुरुद्वारा और यहिया गंज स्थित गुरू तेग बहादुर गुरुद्वारा, आलमबाग, सदर समेत शहर के सभी गुरुद्वारे रोशनी में नहाए हुए नजर आए। गुरुद्वारे को सजाने का काम महीने भर पहले से शुरू हो गया था.रात के समय गुरुद्वारों की सजावट और भी खूबसूरत नजर आई प्रकाश पर्व के दिन लगभग हर गुरुद्वारे में लंगर लगाया गया।

फूलों से सजाया गया गुरु ग्रंथ साहिब

सुबह से ही सभी गुरुद्वारों में पूजनीय ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ हुआ और गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों से सजाया गया, इसके बाद इस पवित्र ग्रंथ को पालकी में रखकर नगर कीर्तन का आयोजन हुआ। नगर कीर्तन में गुरु ग्रंथ साहिब की सुसज्जित पालकी भव्य समारोह के रूप में निकाली जिसमें पालकी के आगे-आगे पंच प्यारे चलते रहे और श्रद्धालु चल समारोह के लिए मार्ग को साफ करते रहे। इस पर्व के दिन लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है।

Posted By: Inextlive