Patna : गायघाट से लेकर चमडोरिया के बीच अशोक राजपथ पूरी तरह से गुरुमय हो गया. शहर में मिनी पंजाब की झलक दिख रही है. लोगों में गजब का उत्साह है.


नगर कीर्तन में भाग लेने को बेताब हर एज गु्रप के लोग नगर कीर्तन में भाग लेने को बेताब थे। तख्तश्री पटना साहिब के आसपास रिहाइश में ठहरे संगत सुबह-सुबह तैयार होकर लंगर किए, फिर गुरुद्वारा की ओर चल पड़े। गुरुद्वारा गायघाट में चल रहा अखंड पाठ खत्म हुआ। कीर्तन दिल्ली के प्रेम सिंह, मनिंदर सिंह, मलकियत सिंह, सोहन सिंह, यमुनानगर के अजमेर सिंह व इंडियन आइडियल रनर देवेंदरपाल सिंह ने किया। कथा प्रवचन भाई दलजीत सिंह ने किया। स्कूल स्टूडेंट्स भी हुए शामिल


शोभायात्रा में सबसे आगे पांच घोड़े पर पंच प्यारे सवार थे। बैंड वाले व आरकेस्ट्रा पर धुन बिखेरते गायक गुरु की धुन में चल रहे थे। 'तहि प्रकाश हमारा भयो पटना शहर बिखे भव लयो, देहु शिवा वर मोहे ऐसे शुभ करमन से कभी न टरूं की धुन बिखेर रहे थे। श्री गुरु गोविंद सिंह मिडिल स्कूल, गुरु नानक सेंट्रल स्कूल रानीपुर, गुरु गोविंद सिंह गल्र्स मिडिल व हाई स्कूल, एसजीजीएस ब्वॉयज हाई स्कूल के स्टूडेंट्स बैंड की धुन पर मार्च पास्ट करते चल रहे थे। वहीं, विभिन्न कीर्तनी जत्था के लोग 'हो रही है तेरी जय-जयकार, धन्य श्री गुरु गोविंद सिंह साहेब' कीर्तन पेश कर रहे थे, तो बोले सो निहाल सतश्री अकाल, राज करेगा खालसा आकि रहे न कोय आदि जयकारा कर रहे थे। पंजाब के लुधियाना से आया हसदा पंजाब पाइप बैंड लोगों के आकर्षण का केंद्र बना था।गतका पार्टी ने दिखाए करतबगतका पार्टी ने शोभायात्रा में अनेक तरह के करतब दिखाए। लाठी, तलवारबाजी, चक्री, बड़े पत्थर को सीने पर रख तोडऩे आदि पेश कर लोगों को दंग किया। नगर कीर्तन के तख्तश्री पहुंचने के बाद नयी दर्शनी ड्योढ़ी से एंटर हुआ और गुरु ग्रंथ साहिब को हरिमंदिर गली के पुरानी दर्शनी ड्योढ़ी के रास्ते ले जाकर अरदास कर विशेष दीवान के बने पंडाल में विराजित किया गया। इस दौरान तख्तश्री कमेटी के पदाधिकारी आरएस गांधी, आरएस जीत, महाराजा सिंह, चरणजीत सिंह, महेंद्र सिंह छाबड़ा, सरजिंदर सिंह, गुरिंदरपाल सिंह, कमलजीत कौर, पूर्व अध्यक्ष एसएस अहलुवालिया, पूर्व सचिव राजा सिंह आदि ने किया।गांधी से भिड़े अहलुवालिया

दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जयंती को लेकर गुरुद्वारा गायघाट में विशेष अरदास हुआ। इसके बाद जत्थेदार भाई इकबाल सिंह ने तख्तश्री कमेटी के ऑफिस बेरियर्स को सरोपा भेंट किया। इसी दौरान प्रेसीडेंट आरएस गांधी ने जत्थेदार साहेब को श्री अहलुवालिया को भी सरोपा देने को लेकर 'इन्हें भी दे दो' कही, जिसके बाद तख्तश्री कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सह पूर्व सांसद एसएस अहलुवालिया आरएस गांधी से भिड़ गए। वहां मौजूद लोगों ने शांत कराया, तब जाकर मामला रफा-दफा हुआ। हर किसी में दिखी सेवा भावनासिखों की सेवा भावना देखनी हो, तो गुरुद्वारे में जाकर देखिए। यहां न कोई अमी-गरीब, बड़ा-छोटा, ऊंच-नीच का भेद नहीं होता है। दरअसल, वहां कोई भी व्यक्ति आकर संगतों की सेवा कर सकता है। जोड़ा घर में जमा होने वाले जूता-चप्पल से लेकर उसकी सफाई तक करने की सेवा की जाती है। संगतों की सेवा में अनेक लोगों के द्वारा चाय, नाश्ता, खाने का सामान बांटा जाता है। लंगर में सेवा की जाती है व जूठे बर्तन की सफाई तक की जाती है। विभिन्न मौके पर निकलने वाले नगर कीर्तन में पंच प्यारे के आगे में हर एज के श्रद्धालु संगत द्वारा पानी का छिड़काव, सफाई करने के बाद फूल छींटा जा रहा था। रात में जत्थों ने किया कीर्तन

तख्तश्री पटना साहिब में रात में कीर्तन का आयोजन किया गया। कथा लुधियाना के ज्ञानी पिंदरपाल सिंह, ज्ञानी रणजीत सिंह जी गौहर ए मस्कीन ने किया। कीर्तन दरबार का इनॉगरेशन परम संत बाबा सतिनाम सिंह ने किया। कीर्तन जत्था भाई जोगिंदर सिंह, भाई नविंदर सिंह, लोकिंदर सिंह, ज्ञान सिंह, रजनीश सिंह, हरभजन सिंह, अजमेर सिंह यमुनानगर वाले, दिल्ली के सोहन सिंह, प्रेम सिंह, मलकियत सिंह, गुरदीप सिंह ने देर रात तक पेश किया।

Posted By: Inextlive