दिल्‍ली सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी की ग्रह दशा खराब ही चल रही है. जहां सरकार बनने से पहले विरोधी तंज कस रहे थे वहीं अब पार्टी के भीतर का मनमुटाव खुलकर सामने आ रहा है. प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर जमकर हमला बोला. वहीं यह भी बताया जा रहा कि केजरीवाल झगड़े से तंग आकर एक अलग पार्टी बनाने पर विचार कर रहे हैं.

केजरीवाल की चलती है मर्जी
प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रशांत ने कहा कि हमसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया. इसके साथ ही यह भी कहा कि हम देख लेंगे. यह बात अरविंद की तरफ से बार-बार कही जा रही थी. प्रशांत ने कहा कि, 'केजरीवाल जो चाहते हैं वहीं करते हैं और वह सभी के ऊपर दबाव भी बनाते हैं. हालांकि कई बार मेंने उन्हें समझाया कि हर आदमी को अपनी राय रखने का अधिकार होना चाहिए, तो केजरीवाल ने कहा कि मैंने आज तक ऐसी जगह काम नहीं किया जहां मुझे दूसरों की सुननी पड़े.'

कांग्रेस का सपोर्ट चाहते थे अरविंद

प्रशांत का यह भी कहना था कि, 'लोस चुनाव के बाद केजरीवाल कांग्रेस से सपोर्ट लेकर सरकार बनाना चाहते थे. लेकिन मैंने कहा था बात पीएसी में होनी चाहिए. हालांकि ज्यादातर लोगों ने सरकार बनाने के खिलाफ वोट दिया. तब अरविंद ने कहा कि मैं कनवीनियर हूं. मैं तय कर सकता हूं की सरकार बनानी चाहिए. मैंने कहा नेशनल एक्जीक्यूटिव में भी बात होनी चाहिए. वहां पर भी प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. इसके बावजूद अरविंद ने एलजी को चिट्ठी लिखी की हम सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. जब ये बात लीक हुई तो उससे इनकार कर दिया. जब चिट्ठी दिखाई तो हम लोगों की किरकिरी हुई.

क्या है इस्तीफे का सच

योगेंद्र यादव भी इस बार खुलकर सामने आए. उन्होंने भी अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला. योगेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी किसी एक शख्स की नहीं है. ये पार्टी आंदोलन से पैदा हुई है. पिछले एक महीने में काफी कुछ टूटा है.  कहा कि हमारी 5 मांगे अगर पूरी कर दी गईं तो हम इस्तीफा दे देंगे जिसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. वहीं योगेंद्र ने अपने इस्तीफे के मुद्दे पर कहा कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया था. मैंने सिर्फ एक नोट दिया था जिसे इस्तीफा कह दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर आप भी वहीं करेगी तो बाकि पार्टियों और हममें क्या फर्क रहेगा.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari