बेरोजगार शहरों की लिस्ट में प्रयागराज का नाम टॉप पर आने पर सबने जताई चिंता

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PRAYAGRAJ: नंबर वन आना किसे अच्छा नहीं लगता. लेकिन इस बार हमारा शहर एक ऐसे मामले में नंबर वन आया, जो चिंता का विषय है. यहां बेरोजगारी दर 8.9 प्रतिशत यानी राष्ट्रीय औसत से 40 प्रतिशत ज्यादा है. यह आंकड़ा जारी हुआ है केंद्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) से कराए गए 'पीरिओडिक लेबर फोर्स सर्वे' के बाद. इस पर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने शहर में विभिन्न लोगों से बात की. सभी ने इस मामले पर चिंता जताते हुए जरूरी कदम उठाने की बात कही.

युवाओं ने बेरोजगारी को बताया था बड़ा मुद्दा
लोकसभा चुनाव के दौरान दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने मिनेलियल्स स्पीक में युवाओं से उनके मुद्दों पर बात की थी. तब, युवाओं ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया था. प्रयागराज के युवाओं ने रोजगार उपलब्ध कराने और बेरोजगारी खत्म करने की मांग की थी.

पिछले वर्ष हुआ था सर्वे
सर्वे जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच हुआ था और इसकी रिपोर्ट 31 मई को जारी की गयी है. इस सर्वे में दस लाख से अधिक आबादी वाले 45 शहरों में बेरोजगारी दर की लिस्ट दी गयी है.

सबने जताई चिंता
प्रयागराज के लिए यह दुर्भाग्य की बात है. जहां रोजगार नहीं बल्कि बेरोजगारी हावी है. ऐसे में युवा शहर और गांव छोड़ कर बाहर क्यों न जाएं? फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं और बंद हो रही हैं. पिछले साल लखनऊ में हुए इनवेस्टर समिट का कोई असर नहीं दिख रहा है. एक भी कंपनी प्रयागराज नहीं आई है.
-विनय टंडन अध्यक्ष, ईस्टर्न चैम्बर ऑफ कामर्स

यहां व्यापार बेहतर नहीं है, इंडस्ट्री नहीं है. उद्योग नहीं है तो फिर रोजगार कैसे बढ़ेगा. रोजगार बढ़ाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग बहुत जरूरी है. जो फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं, उन्हें चालू करने की जरूरत है.
-महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, कैट

प्रयागराज में इंडस्ट्रियल एरिया लगातार बंद होने की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है. वेंडिंग जोन भी आज तक डेवलप नहीं हो सका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेरोजगारी दूर करने का अभियान शुरू किया है. व्यापारियों के लिए समिति का गठन किया है, जिसका असर जल्द ही दिखाई देगा. उद्योग के आयाम बढ़ेंगे.
-अभिलाषा गुप्ता नंदी, मेयर, नगर निगम प्रयागराज

भर्ती आयोगों में करप्शन बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है. प्रयागराज में मौजूद सभी भर्ती आयोगों में अगर भ्रष्टाचार न होता तो आज करीब एक लाख युवाओं को नौकरी मिल गई होती. इसके अलावा बड़े उद्योग धंधे न होना भी यहां बेरोजगारी की बड़ी वजह है.
-अश्वनी कुमार पांडेय, प्रवक्ता, प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति

Posted By: Vijay Pandey