-फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज BHU के स्टूडेंट्स सूर्य नमस्कार के जरिये खुद में भर रहे हैं संस्कार

-यौगिक क्रिया के जरिये दिमाग को एकाग्र व तनाव से दूर रखने का कर रहे प्रयास

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VARANASI: योग या यौगिक क्रियाएं सिर्फ बड़े बुजुर्गो के लिए नहीं युवाओं के लिए भी हैं. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह खुद को तनाव से दूर रखने व एकाग्र रखने का यह खास जरिया साबित हो रहा है. बीएचयू का मैनेजमेंट फैकल्टी इसका जीता जागता उदाहरण है. जी हां, यहां के स्टूडेंट्स खुद में संस्कार और दिमाग में एकाग्रता विकसित करने के लिए सूर्य नमस्कार का सहारा ले रहे हैं. अपने हॉस्टल में हर दिन भावी मैनेजर्स सूर्य नमस्कार के जरिये अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं.

तनाव से निजात भी

आज के दौर में स्टूडेंट्स को तमाम तरह के तनाव से गुजरना होता है. सूर्य नमस्कार उनके टेंशन को दूर करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है. दस चरणों का एक मंत्र पूरा होते ही एक सूर्य नमस्कार होता है. ऐसे सूर्य के क्फ् मंत्रों को पूरा करते हुए भावी मैनेजर्स अपने तन-मन को संबल दे रहे हैं. ठंड की सुबह उठ पाना हर किसी के लिए संभव नहीं है लेकिन मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स हर रोज अर्ली मॉर्निग में उठते हैं और सूर्य नमस्कार करते हैं. फैकल्टी डीन प्रो. आरके पाण्डेय बताते हैं कि मैनेजमेंट से जुड़े लोगों का काम बहुत ही तनाव वाला होता है. जरा सी चूक कंपनी को लंबे घाटे में डाल सकती है. ऐसे में सिर्फ एकाग्रता, सकारात्मक सोच व स्वस्थ मन ही हमारे साथी हो सकते हैं. सूर्य नमस्कार के जरिये ही इन सब चीजें स्टूडेंट्स में डेवलप की जा सकती हैं. महामना का सपना भी यही था कि स्टूडेंट्स भले ही आधुनिक विषयों का अध्ययन करें लेकिन उन्हें अपने संस्कार और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रहे. सूर्य नमस्कार के जरिये हम अपने आचार और व्यवहार में पॉजिटिव डेवलपमेंट ला सकते हैं.

वर्जन

सूर्य नमस्कार एक यौगिक क्रिया है. इसके जरिये हम अपने शरीर व दिमाग दोनों को चुस्त रख सकते हैं. सूर्य नमस्कार की विभिन्न मुद्राओं को भली भांति विधिपूर्वक व्यवहार में लायें तो वह खुद में आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकती है. कठिन योग आसनों का यह आसान विकल्प है. यह हर उम्र के लोगों के करने योग्य है. युवाओं के लिए तो इसका विशेष महत्व है.

विजय प्रकाश मिश्रा, योगाचार्य

Posted By: Vivek Srivastava