- बीते पांच साल से महज फॉर्मेलिटी बना था प्री बोर्ड एग्जाम

- सीबीएसई की तर्ज पर स्टेट बोर्ड में स्टार्ट हुए थे प्री बोर्ड

- इस साल पहली बार समय से आयोजित हो रहे एग्जाम

ravi.priya@inext.co.in

DEHRADUN: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पैटर्न अडॉप्ट तो कर लिया, लेकिन इसे लागू करना शिक्षा विभाग के लिए टेढ़ी खीर ही साबित हुई। आलम यह रहा कि बीते पांच सालों में सीबीएसई की तर्ज पर एक बार भी प्री बोर्ड एग्जाम समय से आयोजित नहीं हो पाए। लेकिन इस साल व्यवस्था पटरी पर आने लगी है। स्कूलों में प्री बोर्ड एग्जाम आयोजित किए जा रहे हैं। विभाग की यह चुस्ती स्टूडेंट्स के लिए काफी मददगार साबित होगी।

सिर्फ नाम का लागू हुआ पैटर्न

उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (यूबीएसई) ने कुछ साल पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (सीबीएसई) के पैटर्न को अडॉप्ट किया था। जिसके तहत सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर ही पढ़ाई और एग्जाम आयोजित होने थे। लेकिन अब तक उत्तराखंड बोर्ड से जुड़े स्कूलों में यह पैटर्न सिर्फ नाम के लिए लागू किया गया। आलम यह है कि बीते पांच सालों में प्री बोर्ड तक के लिए विभाग कोई ठोस रणनीति नहीं बना पाया। सीबीएसई स्कूलों में जहां प्री बोर्ड एग्जाम खत्म हुए महीनों बीत जाते थे, वहीं उत्तराखंड बोर्ड के स्कूलों में प्री बोर्ड की तैयारियां तक पूरी नहीं की जाती थी।

बच्चों को होता था नुकसान

स्टेट बोर्ड में प्री बोर्ड कराने का फैसला स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम में बेहतर परफॅार्मेस देने के मकसद से लिया गया था, प्री बोर्ड के जरिए बच्चे को एग्जाम देने के बाद बोर्ड एग्जाम से पहले सेल्फ एनालिसिस करने का मौका देना होता है। ताकि वह प्री बोर्ड के बाद बोर्ड एग्जाम में बेटर परफार्म कर सके, लेकिन समय से एग्जाम न होने के कारण स्टूडेंट्स इसके फायदों से महरूम रह जाते थे। जिसका असर बोर्ड के रिजल्ट पर भी देखने को मिलता था।

आनन फानन में होता था एग्जाम

बीते कुछ सालों की बात करें तो हर बार प्री बोर्ड एग्जाम फरवरी पहले और दूसरे हफ्ते में आयोजित हुए हैं। जबकि जनवरी का आधा समय विंटर वेकेशन में चला जाता था। जिस कारण बच्चों को न तो बोर्ड एग्जाम की तैयारी करने का वक्त मिलता था और न ही प्री बोर्ड के लिए समय। एग्जाम की डेट्स की जानकारी के बगैर स्टूडेंट्स तैयारी कैसे करें। इसे लेकर भी असमंजस रहता था। विभाग भी फरवरी में आनन फानन में प्री बोर्ड करा देता था। जिससे स्टूडेंट्स के पास तैयारी का वक्त ही नहीं बचता था।

वर्जन---

विभाग लगातार प्रयासरत है कि प्रदेश की स्कूल एजुकेशन को पटरी पर लाया जा सके। कुछ व्यवहारिक दिक्कतें सामने आती है। लेकिन विभाग इन सभी पर पार पाने का कार्य कर रहा है। विधानसभा इलेक्शन के चलते बोर्ड परीक्षाएं प्रभावित न हो इसके लिए बोर्ड का पूरा फोकस प्री बोर्ड के बाद प्रैक्टिकल और बोर्ड एग्जाम पर है।

---- आरके कुंवर, डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन उत्तराखंड

हमारे यहां प्री बोर्ड एग्जाम इसी माह के अंत तक खत्म हो जाएंगे। हर साल की तरह इस साल प्री बोर्ड एग्जाम में देरी नहीं हुई। एग्जाम लेट होने से निश्चित रूप से बच्चों को नुकसान और परेशानी दोनों होती थी। इस बार समय से प्री बोर्ड होने से काफी फायदा होगा।

----- पवन कुमार शर्मा, टीचर, जीआईसी सेलाकुई

Posted By: Inextlive