- बेशकीमती मूर्ति चोरी होने के बाद अफसरों को आया ध्यान

- थानों में लावारिस हाल पड़ी हैं चार करोड़ कीमत की मूर्तियां

GORAKHPUR: जिले के प्राचीन मंदिरों में करोड़ों रुपए की बेशकीमती अष्टधातु की प्रतिमाओं की सुरक्षा खतरे में है। गगहा, बड़गों के प्राचीन रामजानकी मंदिर से अष्टधातु की पांच मूर्तियों की चोरी से हड़कंप मचा हुआ है। मंदिर के दरवाजे का ताला खोलकर चोर करोड़ रुपए कीमत की सीता, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्ति शनिवार की रात चोरी हो गई थी। इन चोरियों के बाद एक बार फिर से प्राचीन मूर्तियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। दो साल पूर्व ऐसी मूर्तियों की सुरक्षा के लिए प्लान बना था। लेकिन तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल के ट्रांसफर के बाद योजना परवान नहीं चढ़ सकी। दो माह पूर्व देवरिया जिले में थानों के भीतर मालखानों में रखी मूर्तियों की सुरक्षा और संरक्षण के बारे में कमिश्नर ने निर्देश जारी किए थे।

पुजारी पर शक जता रही पुलिस टीम

बड़गों मंदिर में बतौर पुजारी कोल्हुआ निवासी इंद्र नारायण तिवारी देखरेख करते हैं। रविवार की सुबह उन्होंने देखा कि ताला खुला हुआ है। मंदिर में रखी लक्ष्मण, सीता और शत्रुघ्न की मूर्ति गायब है। जबकि बगल में रखी राम और भरत की मूर्ति मंदिर में मिली। उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। छानबीन के दौरान पुजारी पर शक जताते हुए उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि मूर्तियों से करीब एक मीटर की दूरी पर सोए पुजारी को कोई जानकारी हुई। इसलिए पहला संदेह उन पर भी जा रहा है। सोमवार को बिजी होने की वजह से एसओ ने पूछताछ नहीं की। एसओ जेएन सिंह का कहना है कि पुजारी से पूछताछ के बाद ही कोई नतीजा सामने आ सकेगा।

थानों के मालखानों में चार अरब से अधिक के मूर्तियां

गोरखपुर और आसपास के थानों में अष्टधातु की मूर्तियों की चोरी और बरामदगी काफी दिनों से हो रही है। नेपाल से लेकर तस्कर दिल्ली तक एक्टिव रहते हैं। मुंहमांगी कीमत मिलने की वजह से इनकी खूब तस्करी होती है। मंदिरों से चोरी करके मूर्तियों को नेपाल सहित अन्य जगहों पर भेजा जाता है। गोरखपुर पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि इंटरनेशल गैंग सहित अन्य चोरों से बरामद अष्टधातु की करीब 133 मूर्तियां जोन के विभिन्न थानों के मालखानों में पड़ी हैं। इनकी कीमत चार अरब से अधिक होगी। इनमें सबसे अधिक कीमती भगवान बुद्ध और राम-जानकी, हनुमान और विष्णु की मूर्तियां हैं। ये सभी मूर्तियां आम सामानों की तरह थानों के मालखानों में पड़ी हैं।

फैक्ट

जोन के थानों के मालखानों में बरसों से जमा हैं 133 मूर्तियां

कभी मूर्तिचोरों के इंटरनेशनल रैकेट से बरामद हुईं थीं कई मूर्तियां

कुछ स्थानों पर मुठभेड़ में मूर्तियां छोड़कर भाग गए अज्ञात बदमाश

तीन सदी पूर्व की बुद्ध की एक प्रतिमा की कीमत है करीब 14 करोड़

मालखानों में खराब हो रही मूर्तियां, नहीं लिया संज्ञान

विभिन्न काल-खंडों की बरामद अधिकतर मूर्तियां मुकदमों में फंसी हैं। इसलिए उनके कोई दावेदार भी नहीं आ रहे हैं। पुलिस थानों के मालखानों में पड़ी बेशकीमती मूर्तियां खराब हो रही हैं। रख-रखाव में लापरवाही, साफ-सफाई के अभाव में ये खराब हो रही हैं। बरामदगी के दौरान पुलिस ने जब इसका आंकलन कराया तो करीब चार अरब रुपए इनकी कीमत आंकी गई। इन मूर्तियों का सही मूल्याकंन होने से इनकी कीमत बढ़ सकती है। हालांकि इंटैक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट ऑफ आर्ट कल्चरल हेरिटेज) गोरखपुर चैप्टर के लोगों का मानना है कि सही मूल्याकंन से इनकी कीमत बढ़ सकती है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 50 करोड़ से अधिक की मूर्तियां श्रावस्ती जिले के थाने में रखी गई है। इनमें भगवान बुद्ध की पांच मूर्तियां हैं। पुलिस मुठभेड़ों में सर्वाधिक 19-19 मूर्तियां बहराइच और बलरामपुर जिले में बरामद हुई हैं। गोरखपुर जिले में पुलिस ने 18 मूर्तियां बरामद की थीं। पूर्व आईजी मोहित अग्रवाल ने इन मूर्तियों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए प्लान तैयार किया था।

बॉक्स

पुलिस लाइन में नहीं बन सका म्यूजियम

तब कहा गया था कि पुलिस लाइन में एक म्यूजियम बनाया जाएगा। विभिन्न थानों में बरामद मूर्तियों को उस म्यूजियम में रख दिया जाएगा। वहां पर उनकी समुचित देखभाल हो सकेगी। पुलिस लाइन में म्यूजियम होने से सुरक्षा भी हो सकेगी। लेकिन आईजी मोहित अग्रवाल का ट्रांसफर होने के बाद यह व्यवस्था नहीं बन सकी। तभी से इन मूर्तियों के बारे में कोई जानकारी भी सामने नहीं आ सकी। इस संबंध में एक योजना भी शासन में लंबित थी।

यहां पर इतनी मूर्तियां

जिला मूर्तियां

गोरखपुर 18

देवरिया 13

कुशीनगर 16

महराजगंज 10

सिद्धार्थनगर 10

बस्ती 05

संतकबीरनगर 02

गोंडा 14

बलरामपुर 19

बहराइच 19

श्रावस्ती 07

वर्जन

पूर्व में एक योजना तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल ने बनाई थी। थानेदारों संग भी इस संबंध में मींिटंग की गई थी। दुर्भाग्य है कि अफसरों के ट्रांसफर होने के बाद उनकी योजनाओं पर काम नहीं हो पाता है। यदि इन मूर्तियों को सुरक्षित और संरक्षित कर दिया जाए तो बड़ा काम होगा। अरबों रुपए की मूर्तियां थानों में खराब हो रही हैं।

कनकहरि अग्रवाल, आजीवन सदस्य, इंटेक, गोरखपुर चैप्टर

Posted By: Inextlive