सरकारी व‍िभागों से बिल की पूरी वसूली के लिए फरवरी से प्रीपेड मीटर्स लगाए जाने की है प्‍लानिंग।

 

BAREILLY:

सरकारी विभाग अब नकद बिल जमा करने के बाद ही बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे। क्योंकि बिजली विभाग सरकारी विभागों और आवास की बकायेदारी से निपटने के लिए प्रीपेड मीटर लगाने जा रहा है। ऐसे में, तनिक लापरवाही हुई तो अधिकारियों को अंधेरे में रहना पड़ जाएगा। प्रीपेड मीटर अगले साल फरवरी में लगा दिया जाएगा। इस तरह बिजली विभाग की नजर साढ़े सात करोड़ बकाया बिजली बिल वसूलने पर भी है।

 

जितना रिचार्ज उतरी बिजली

प्रीपेड मीटर मोबाइल फोन की सिम की तरह से रिचार्ज होंगे। इसके कूपन मिलेंगे। मीटर में सिम की तरह ही एक चिप लगी होगी। इसका एक नंबर होगा। उस नंबर के आधार पर ही मीटर रिचार्ज होगा, जितने का रिचार्ज होगा, उतनी ही बिजली उपयोग कर सकेंगे। इसके बाद बिजली स्वत: ही बंद हो जाएगी। हालांकि कूपन की राशि खत्म होने से पहले मीटर में लगा अलार्म सावधान करेगा। फरवरी से प्रीपेड मीटर्स लगाए जाने की योजना विभाग की है।

 

ट्रांसफर होने पर छोड़ जाते हैं बिल

बिजली विभाग तमाम कोशिशों के बावजूद भी सरकारी विभागों से बिजली बील की वसूली नहीं कर पाया है। विभाग ने कई बार नोटिस भी दिए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। सबसे ज्यादा दिक्कत सरकारी आवासों पर आती है। ट्रांसफर होने के बाद अधिकारी बिजली का बिल जमा किए बिना ही चले जाते हैं। वहीं, विभिन्न विभागों में कर्मचारियों को बिल की चिंता नहीं रहती। इसकी वजह से रूम हीटर, एसी, कूलर, पंखे धड़ल्ले से उपयोग किए जाते हैं। वर्तमान समय में सरकारी विभागों और आवासों पर 7.भ्0 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। यदि, आवास की बात करें तो 70 लाख रुपए की लेनदारी विभाग की है।

 

 

एक नजर

- कलेक्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, नगर निगम, सर्किट हाउस, एडीएम कम्पाउंड, डिप्टी लेबर कमिश्नर सहित अन्य पर है बिजली विभाग का बकाया।

- 7.50 करोड़ रुपए का बिजली बिल।

- 4-5 वर्ष पुराना बिजली बिल है बकाया।

 

सरकारी आवास में सबसे पहले प्रीपेड मीटर्स लगाए जाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है। बिल का भुगतान नहीं होने पर बिजली कनेक्शन स्वत: की कट जाएगी। इससे एक फायदा होगा कि विभाग को बिजली बिल वसूली के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

एनके मिश्रा, एसई अर्बन, बिजली विभाग

Posted By: Inextlive