अभियान: एडवेंट 7

-1873 में चर्च के निर्माण में रांची के लोगों ने दिए थे 4 हजार रुपए

-9 मार्च 1873 को चर्च का विधिवत संस्कार बिशप रॉबर्ट मिलमैन ने कराया था

-छोटानागपुर को एक डायसिस के रूप में संगठित करने में बिशप रॉबर्ट का अहम योगदान

RANCHI:बहू बाजार स्थित संत पॉल्स कैथेड्रल चर्च का निर्माण क्87फ् में ख्म् हजार रुपए में हुआ था। इसमें रांची के लोगों ने ब् हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया था। जनरल एडवर्ड टी डाल्टर ने फ् हजार, बिशप रॉबर्ट मिलमैन ने ख् हजार रुपए भेजे थे। भारत सरकार की ओर से फ्भ्00 रुपए का आर्थिक सहयोग मिला था। रेव्ह टीएस सिरिल हंस ने यह भी बताया कि 9 मार्च क्87फ् को संत पॉल्स कैथेड्रल चर्च का विधिवत संस्कार बिशप रॉबर्ट मिलमैन द्वारा कराया गया था। वे कोलकाता के बिशप तथा भारत, श्रीलंका व बर्मा के एंग्लीकन मेट्रोपोलिटन थे। छोटानागपुर को एक डायसिस के रूप में संगठित करने में उनका अहम योगदान था। पक्का अराधनालय का प्रस्ताव रखने वाले कोलकाता डायसिस के बिशप जॉर्ज एडवर्ड मिलमल फरवरी क्870 में रांची आए थे। यह उनका तीसरा बिशपीय भ्रमण था।

एडवेंट की तैयारी

क्रिसमस का अर्थ हमारे लिए रिश्तों का असली मायने समझना है। यह हमें पिता को पिता तुल्य आदर, मां की ममता के लिए उसे प्यार व पड़ोसियों के लिए भाई की तरह व्यवहार करना सिखाता है। गलतियों के लिए दूसरों को माफ करना, दुश्मनों के प्रति भी सच्चा प्यार रखना ही क्रिसमस का असली मायने है। प्रभु तो हमारे दिलों में हैं।

कुलदीप

आगमन का यह समय मेरे लिए खुशियों का है। इसकी अनुभूति बेहद पवित्र है। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है, सिर्फ महसूस किया जा सकता है। क्रिसमस के समय मैं तो परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर चरनी बनाता हूं। उसे आकर्षक सजाता हूं। उसे ऐसे स्थान पर रखता हूं, ताकि सभी लोग बालक यीशु को देख सकें।

श्वेता तिग्गा

आगमन तो खुशियों का समय है, पर कभी-कभी लोग राह से भटक जाते हैं। खुशियों के इस त्योहार में लोग नशापान करते हैं। गलत आचरण करते हैं। इससे रंग में भंग हो जाता है। युवाओं की भागीदारी इसमें सबसे ज्यादा होती है। राह से भटके लोगों को सच्चे राह पर लौटाने की जरूरत है। एडवेंट भी हमसे यही आह्वान करता है।

ए बाड़ा

मेरे लिए तो आगमन काल खुशियों से लबरेज है। मानव के मुक्तिदाता यीशु मसीह इस धरती पर आएं। उनका हमारे मुक्तिदाता के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान करना मुझे अच्छा लगता है। इसके द्वारा हम एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार प्रकट करते हैं।

शोभा एक्का

Posted By: Inextlive