विदेश के प्रमुख शहरों की तर्ज पर विकसित होंगी सुविधाएं

पब्लिक बता रही है कि वाराणसी में क्या-क्या चीजें होनी चाहिए

VARANASI

बनारस के कल्चर से पूरी दुनिया वाकिफ है। यहां की मौज-मस्ती का हर कोई दीवाना है। गंगा स्नान, नौका विहार, ठंडई, दर्शन-पूजन और मेहमान नवाजी का आनंद लेने के लिए देश-दुनिया से लोग यहां आते हैं। लेकिन यहां की सर्विस, ट्रांसपोर्ट, पर्यावरण, गवर्नेस और फाइनेंस सिस्टम खराब होने से इस शहर की गिनती अच्छे शहरों में नहीं होती है। बेपरवाही के साथ अनुशासन में न रहना यहां के लोगों की आदत बन चुकी है। इससे देश की सांस्कृतिक राजधानी व पीएम का संसदीय क्षेत्र बनारस की इमेज खराब हो रही है। अब इसे सुधारने की तैयारी शुरू हो गई है। इज ऑफ लिविंग इंडेक्स के तहत नगर निगम ने वाराणसी के लिविंग स्टैडर्ड को स्मार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है।

हर सर्विस होगी स्मार्ट

मेट्रो सिटी और फॉरेन की प्रमुख सिटी की तर्ज पर वाराणसी में जनरल सर्विस, एजुकेशन, हेल्थ, हाउसिंग एंड शेल्टर, सफाई, कूड़ा कलेक्शन, मोबिलिटी, सेफ्टी एवं सिक्योरिटी, रिसेएशन, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, इकोनॉमिक अर्पाचुनिटी, एनवायरमेंट, ग्रीन बिल्िडग, सोलर एनर्जी पर काम शुरू होगा है। इनके बारे में पहले यहां की पब्लिक को बताया जाएगा। साथ ही पब्लिक से फीडबैक भी लिया जाएगा कि यहां क्या-क्या चीजें होनी चाहिए, जिससे लोगों के जीवन को और सुगम बनाया जा सके।

सरकारी सर्विसेज में बदलाव भी

इज ऑफ लिविंग इंडेक्स के तहत सरकारी मशीनरी से पब्लिक को मिल रही सेवाओं का आंकलन भी होगा। पता किया जाएगा कि विकास प्राधिकरण, नगर निगम, जलकल, बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, मनोरंजन विभाग से मिलने वाली सर्विसेज लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में कितनी सुगम हैं। साथ ही उनकी वित्तीय स्थिति, तकनीकि स्थिति और योजनाओं की स्थिति क्या है। इस बारे में पब्लिक का ओपिनियन भी लिया जाएगा। इसके बाद शहरी लोगों के लिविंग स्टैडर्ड को स्मार्ट बनाया जाएगा। जरूरत के हिसाब बदलाव भी होगा।

114 शहरों में सर्वे

लिविंग स्टैडर्ड को स्मार्ट बनाने के लिए शहरी आवास एवं विकास मंत्रालय की ओर से इज ऑफ लिविंग इंडेक्स के तहत वाराणसी समेत देश के 114 शहरों में एक साथ सर्वे कराया जा रहा है। 30 फीसद नंबर पब्लिक के फीडबैक पर आधारित है। इसके अलावा 70 फीसद फीडबैक सरकारी विभागों से लिया जाएगा। फरवरी व मार्च में सर्वे होगा। इसकेबाद शहरों की रैंकिंग और अप्रैल में रिजल्ट जारी होगा।

वर्जन

क्यूआर कोड और ट्विटर के जरिए लोग फीडबैक दे सकते हैं। इसके अलावा शहर के प्रमुख स्थानों पर बैनर, पोस्टर और होर्डिग लगाए जा रहे हैं। इज लिविंग ऑफ इंडेक्स के तहत सर्वे का उद्देश्य मेरा शहर, मेरा सम्मान की भावना यहां के लोगों में पैदा करना है।

-गौरांग राठी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive