- 4 बजे भोर से खुल जाएंगे मंदिर के कपाट

- 6 सुबह होगी मां की आरती

- 1.30 बजे दोपहर से लेकर 3.30 बजे तक बंद रहेंगे कपाट

शुभ मुहूर्त

- कलश स्थापना मुहूर्त सूर्योदय से लेकर दिवा 2:58 तक

- विशेष अभिजित मुहूर्त दिवा 11:30 से 12:18 के बीच

- 6 अप्रैल से शुरू हो रहे नवरात्र को लेकर मंदिरों में तैयारियां शुरू

- बड़ी कालीजी मंदिर में 7 मीटर लंबा ध्वज फहराया जाएगा

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LUCKNOW (4 April): इस बार 6 अप्रैल से नवरात्र शुरू हो रहे हैं. जिसको लेकर मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. कहीं भव्य श्रृंगार की तैयारी है तो कहीं ज्वाला देवी से ज्योत लाने की. वहीं कई मंदिरों में हर दिन मां का अलग-अलग थीम पर श्रृंगार किया जाएगा. नवरात्र को लेकर बाजार भी पूजन सामग्री की दुकानें सज गई हैं.

विशेष पकवानों का भोग

चौक स्थित बड़ी कालीजी मंदिर समिति के सेकेट्री रामनाथ खन्ना ने बताया कि मंदिर और आसपास सौंदर्यीकरण का काम हो चुका है. छह अप्रैल को कलश स्थापना कर मुख्य आयोजन शुरू हो जाएंगे. मां का मावा और फलों से श्रृंगार किया जाएगा. करीब 15 प्रकार के विशेष पकवानों का भोग लगाया जाएगा. नवरात्र में मंदिर के पट सुबह चार बजे खुलेंगे. आरती सुबह 6 और रात में 10 बजे होगी. मंदिर में मथुरा से मंगाया गया 7 मीटर का विशेष ध्वज लगाया जाएगा. 13 और 14 अप्रैल को अष्टधातु की प्रतिमा के दर्शन कराए जाएंगे.

सुबह खुलेंगे मंदिर के कपाट

चौपटिया स्थित माता संकटा देवी मंदिर के कपाट सुबह 5:30 बजे खुल जाएंगे. सुबह 8 और रात 10 बजे आरती होगी. दोपहर 1:30 से 3:30 बजे तक मंदिर के पट बंद रहेंगे. अष्टमी को कन्या भोज और हवन होगा.

एकादशी को चरण दर्शन

चौपटिया स्थित संदोहन मंदिर समिति के अध्यक्ष कमल कृष्ण मेहरोत्रा ने बताया कि इस बार मंदिर में सुंदरकांड, गायत्री हवन, महिला संगीत, छप्पन भोग आदि कई कार्यक्रम रोज आयोजित होंगे. इसके साथ एकादशी को माता संदोहन के चरण दर्शन कराए जाएंगे. आरती सुबह 7:30 और रात 10 बजे होगी.

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ज्वाला देवी से आएगी ज्योत

शास्त्री नगर स्थित दुर्गा मंदिर के प्रबंधक राजेंद्र गोयल ने बताया कि इस बार नौ अलग-अलग तरह से मां का श्रृंगार किया जाएगा. इसके साथ ज्वाला देवी से ज्योत लाई जा रही है, जो 5 को आ जाएगी. वहीं भक्तों को प्रसाद भी दिया जाएगा.

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शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य राकेश पांडेय ने बताया कि इस वर्ष वासंतिक नवरात्र में कलश स्थापना मुहूर्त 6 अप्रैल सुबह सूर्योदय से लेकर दिवा 2:58 तक व विशेष अभिजित मुहूर्त दिवा 11:30 से 12:18 के बीच है. कलश स्थापना के बाद मां भगवती का पूजन षोडशोपचार वा पंच्चोपचार कर दुर्गासप्तशती का पाठ, नवार्ण मंत्र का जप करें. इस बार नवरात्र 8 दिन की है जिसमें नवमी तिथि का क्षय है.

Posted By: Kushal Mishra