बीएलओ में ड्यूटी, एमडीए में संकट
-अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई में हो रही दिक्कत
-एमडीए में जेई से लेकर मेटो तक की लगी ड्यूटी, काम प्रभावित Meerut। विधान सभा चुनावों की तैयारियों के चलते एमडीए क्लर्किल स्टॉफ की ड्यूटी बीएलओ में लग जाने से काम का संकट खड़ा हो गया है। वहीं आधे से अधिक जेई के सुपरवाइजर बनने से प्रवर्तन के कामों के खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। 80 बाबू बनने बीएलओदरअसल, मेरठ विकास प्राधिकरण के 90 में से 80 बाबुओं को बीएलओ बना दिया गया है। वहीं 35 जेई को भी सुपरविजन का चार्ज सौंपा गया है। ये बाबू पहचान पत्र बनाना, भौतिक सत्यापन, वोट संशोधन आदि के कार्य में लगे हैं। उधर, इतनी बड़ी कर्मचारियों की ड्यूटी बीएलओ में लगने से दफ्तरी कामों के साथ-साथ पब्लिक कोभी परेशान होना पड़ रहा है। नतीजा यह है कि विभिन्न अनुभागों में आवंटियों के काम लटक गए हैं।
अवैध निर्माण पर ढ़ील
शहर में खड़े अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के नाम पर एमडीए कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहा है। एमडीए के अनुसार आधे से अधिक मेट और जेई की चुनावी ड्यूटी के कारण अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने में परेशानी आ रही है।अधिकांश कर्मचारियों की ड्यूटी बीएलओ में लगी है। इससे अस्थाई रूप से कुछ प्रभावित हुए हैं। स्टाफ की कमी से अवैध निर्माणों पर कार्रवाई धीमी हुई है।
-बैजनाथ, अपर सचिव एमडीए