पहली बार आर्थिक जनगणना में एंड्रायड मोबाइल का किया जाएगा यूज

घर-घर जाकर जुटाया जायेगा इनकम का डिटेल, पता लगायेंगे सोर्स ऑफ इनकम

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PRAYAGRAJ: भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ चाहते हैं तो इकनामिकल सेंसेस (आर्थिक जनगणना) में भाग लेने के लिए तैयार हो जाइए। 5 दिसंबर से यह गणना पहली बार एंड्रायड मोबाइल के जरिए शुरू की जा रही है। घर-घर जाकर लोग आय के स्त्रोत सहित तमाम डिटेल लेंगे और फिर इसे मोबाइल के जरिए इकनामिक सेंसेस ऐप में अपलोड कर देंगे। जिससे यह इनफार्मेशन ऑनलाइन गोपनीय तरीके से सरकार तक पहुंच जाएगी।

1840 सीएससी को दी जिम्मेदारी

केंद्र सरकार ने इकनामिकल सेंसेस की जिम्मेदारी इस बार कामन सर्विस सेंटर को सौंपी है।

इनके द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों को नियुक्त कर जनगणना कराई जाएगी।

जिले में कुल 1840 सीएससी इस काम को अप्रैल से पहले अंजाम देंगी।

फिलहाल सीएससी के संचालकों को बुलाकर उनका पंजीकरण किया जा रहा है।

सीएससी के जिला प्रबंधक शैलेंद्र सिंह बताते हैं कि पंजीकरण के दौरान ऑनलाइन एग्जाम कराकर एलिजिबिलिटी चेक की जाएगी।

तय हो जाएगी कैटेगरी

सरकारी और प्राइवेट नौकरी सहित व्यवसाय करने वालों की कैटेगरी इस इकनामिकल सेंसेस में तय की जाएगी। आय का स्त्रोत बताने के लिए दौरान कई नौकरियों को रेजिडेंशियल में रखा गया है। इसी तरह अन्य तरह के डिटेल्स भी भराए जाएंगे। जैसे नाम और पता सहित जेंडर की डिटेल भी ऐप पर दर्ज की जाएगी। जनगणना के लिए उन्ही कर्मचारियों को चुना जाएगा जिनके पास एंड्रायड मोबाइल मौजूद है। यह कर्मचारी रखने का दायित्व सीएससी संचालकों को दिया गया है।

हर पांच साल में होती है गणना

बता दें 2021 से पहले इस गणना को पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद सरकार की योजनाओं के पात्रों का चयन इसी जनगणना के आधार पर होगा। उदाहरण के तौर पर आयुष्मान योजना में शामिल पात्रों का चयन 2011 में हुई आर्थिक जनगणना के आधार पर किया गया है। ऐसी योजनाओं में शामिल अपात्रों का चिंहीकरण भी इस जनगणना में तय कर लिया जाएगा।

सभी सीएससी संचालकों को बुलाया गया है। उनका पंजीकरण किया जा रहा है। सर्वे करने वालों का ऑनलाइन एग्जाम कराया जा रहा है। इसके बाद उन्हें इस योजना से जुड़ने की अनुमति दी जाएगी।

आशीष तिवारी,

जिला प्रबंधक सीएससी प्रयागरा

Posted By: Inextlive