पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम के सहयोगी रहे अरुण तिवारी ने आईएमए से की अपील

Meerut : पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर एक हजार बेड का अस्पताल खोलकर डॉक्टर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं, जिसमें गरीबों एवं वंचितों को अत्याधुनिक इलाज मिल सके। अगर पृथक हाईकोर्ट बेंच, हरित प्रदेश एवं नए हाईवे बनाने की मांग उठ सकती है तो फिर एक चैरिटी अस्पताल क्यों नहीं बनाया जा सकता? उक्त बातें पूर्व राष्ट्रपति के सहयोगी रहे प्रोफेसर अरुण तिवारी ने आईएमए हाल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहीं।

मरीजों से चूसा पैसा जाता है विदेश

डॉ। कलाम पर तमाम किताबें लिखने वाले अरुण तिवारी ने कहा कि डॉ। कलाम का सपना था कि भारत में चिकित्सा आम व्यक्ति तक सुलभ हो और उसे डाइग्नोस्टिक पेन से जूझना न पड़े। उन्होंने रामेश्वरम में अंतिम संस्कार के दौरान पहुंची भीड़ एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके परिवार को दिए गए आदर की जमकर सराहना की। कहा कि डॉ। कलाम देर रात तक काम करने वाले व्यक्ति थे, और सुबह भी वह उसी ऊर्जा से काम को आगे बढ़ाते रहे। उन्होंने मेरठ आईएमए को डॉ। कलाम के नाम पर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल खोलने का सुझाव देते हुए कहा कि अपने देश में मरीजों से चूसा गया पैसा विदेशों में नजर आता है, और डॉक्टर इसके बीच एक कड़ी बनकर रह गए हैं। अगर सौ डॉक्टर मिलकर दस-दस लाख रुपए जमा करें तो दस करोड़ से शुरू होने वाले अस्पताल में वह एक हजार करोड़ का निवेश करवा सकते हैं। आज अच्छा काम करने का फल आने वाली तमाम पीढि़यों को मिलेगा, यही डॉ। कलाम की कामना थी। इससे पहले सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कलाम को ऋषि परंपरा का व्यक्ति बताते हुए नमन किया। संचालन डॉ। तनुराज सिरोही ने किया। इस दौरान डॉ। जेवीएस चिकारा, डॉ। वीरोत्तम तोमर, डॉ। उमंग अरोड़ा, डॉ। एसएम शर्मा, डॉ। अमित पाठक, डॉ। दिनेश अग्रवाल समेत कई अन्य चिकित्सक शामिल रहे।

Posted By: Inextlive