शाही स्नान के बहिष्कार के निर्णय की जानकारी वायरल होते ही अधिकारियों को छूटा पसीना

ALLAHABAD: संगम की रेती पर अगले वर्ष लगने जा रहे कुंभ मेला के लिए संत-महात्माओं ने शुक्रवार को नाराजगी जाहिर करते हुए शाही स्नान के बहिष्कार का प्रस्ताव क्या पारित किया। उसके बाद तो यह जानकारी इतनी तेजी से वायरल हुई कि दोपहर पौने दो बजे अखाड़ा परिषद की बैठक समाप्त हुई और पंद्रह मिनट के भीतर कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और कुंभ मेला के एसएसपी केपी सिंह श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा के मुख्यालय पहुंच गए। इतना ही नहीं दस मिनट के अंतराल पर ही कमिश्नर डॉ। आशीष कुमार गोयल और डीएम सुहास एलवाई भी भागते हुए पहुंचे।

एक घंटा चला मान-मनौव्वल का दौर

शाही स्नान के बहिष्कार के निर्णय को वापस लेने के अनुरोध के बीच आला अधिकारी संत-महात्माओं को मनाते रहे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि, महासचिव हरी गिरि, महंत महेश्वर गिरि व महंत आशीष गिरि आदि संतों के साथ अधिकारियों ने वार्ता की लेकिन संत-महात्मा अपने निर्णय से पीछे नहीं हटे। महंत हरी गिरि ने बताया कि अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अखाड़ों के निर्माण को लेकर कार्रवाई की जा रही है और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा। अधिकारियों के इस आश्वासन को संतों ने एकजुट होकर नकार दिया।

यहां के अधिकारियों के पास संत-महात्माओं के लिए समय नहीं है। कमिश्नर ने जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया है लेकिन अब समय ही कितना बचा है। परिषद ने जो निर्णय लिया है उस पर कायम रहा जाएगा।

महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

Posted By: Inextlive