Nirbhaya case दिल्ली के इस दहला देने वाले हादसे में दुष्कर्म के एक और दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया है।

नई दिल्ली (एएनआई)। Nirbhaya case: शनिवार को भारत के राष्ट्रपति ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मौत के मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक में अपराधी विनय कुमार की दया याचिका को रद्द कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसी मामले में, पवन गुप्ता द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था।पवन ने नाबालिग होने का दावा किया था। विनय की क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। विनय के वकील एपी सिंह के अनुसार दोषी विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति कोविंद के पास दया याचिका भेजी थी।

2012 Delhi gang-rape case: The President of India rejects mercy plea of convict Vinay Sharma pic.twitter.com/SDzNrEiYxk

— ANI (@ANI) February 1, 2020


एक फरवरी को दी जानी थी फांसी
बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चार दोषियों को 1 फरवरी को फांसी दी जानी थी लेकिन दिल्ली की एक अदालत में शुक्रवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मृत्युदंड के तीन दोषियों की ओर से 1 फरवरी को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल अधिकारियों और दोषियों के वकील की दलीलें पूरी करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता, और विनय शर्मा की ओर से अदालत में डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की गई।अदालत ने अगले आदेश तक फांसी की सजा को स्थगित कर दिया है।
2012 का है मामला
23 साल की पैरामेडिकल छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या का ये हादसा 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में एक चलती बस में हुआ था। इस धटना में उसके साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। 29 दिसंबर को उसकी माैत हो गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोषी अक्षय, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को फांसी होनी है जबकि एक दोषी आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वहीं एक अन्य आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था।उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया।

Posted By: Molly Seth