संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। सत्र के शुभारंभ पर संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभिभाषण दिया। इस दाैरान उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से लेकर किसान आंदोलन जैसे मुद्दों का जिक्र किया है। इस दाैरान उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों हुए तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।


नई दिल्ली (एएनआई)। बजट सत्र की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में हो रहा संसद का ये संयुक्त सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। नया वर्ष भी है और नया दशक भी और इस वर्ष हम आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हालांकि हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में निर्मित हैं। भारत ने अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई


संकट के समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्णमेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है। सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाजार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो। पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। राष्ट्रपति बोले मेरी सरकार ने किसानों को सुविधाओं संग अधिकार भी दिए

मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं। भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम हो, मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति हो, या फिर अंडर ग्राउंड माइन्स में तथा ओपन कास्ट माइन्स में महिलाओं को रात में कार्य करने की अनुमति ये सभी निर्णय पहली बार मेरी सरकार ने ही लिए हैं। यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है।

Posted By: Shweta Mishra