द्दरूरुन् : राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने कहा है कि ग्राम स्तरीय रोजगार और कौशल विकास से ही गांवों की सूरत बदलेगी। इसके लिए गांव की जरूरतें समझनी होंगी और जमीनी स्तर पर तेजी से काम भी करना होगा। राष्ट्रपति शनिवार को गुमला के बिशुनपुर में बुद्धिजीवियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण विकास, रोजगार, जागरूकता और सांस्कृतिक चेतना के क्षेत्र में विकास भारती की ओर से किए जा रहे कार्यो की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि भ्रातृभाव देश को जोड़ता है। देश को जोड़ने वालों और तोड़ने वालों का आचरण ही भिन्न होता है। हम एक इंसान हैं और इंसान बनने से ही देश का भविष्य उज्ज्वल होगा।

जतरा टाना भगत से सीखें

राष्ट्रपति ने कहा कि बिशुनपुर त्याग, बलिदान, संघर्ष और स्वाभिमान की भूमि है। ये सभी मानवीय गुण हैं जो उच्चस्तर के लोगों में पाए जाते हैं। यहां के गांधी के अनुयायी जतरा टाना भगत और फूलो- झानो में ऐसे ही गुण समाहित हैं। वे हमारे प्रेरणा के स्त्रोत रहे हैं। हमें वैसे महापुरुषों से सीखने की जरूरत है।

सेवा दो प्रकार के हैं

जनजातीय और ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यो और जागरूकता फैलाने के लिए विकास भारती और इस संस्था के सचिव पद्मश्री अशोक भगत की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे यहां सेवा दो प्रकार से की जाती है। एक सेवा यह है कि आप साधन संपन्न है तो घर पर आने वालों की मदद करें, उनकी सेवा करें, लेकिन दूसरी सेवा यह है कि अपने साधन संपन्नता को त्याग कर वैसे क्षेत्र का चयन करें जहां निश्चित रूप से सेवा की जरूरत हो। अशोक भगत ने दूसरे प्रकार की सेवा को चुना। जनजातीय क्षेत्र में आकर इन्होंने सर्वे किया और आदिवासी समुदाय में विकास और जागरूकता का भाव भरा।

शिक्षा से ही समाज का निर्माण

ग्रामीणों को शिक्षा का महत्व बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं। वहीं उपस्थित बुद्धिजीवियों से अपील की कि वे शिक्षा का दान कर गांवों में शिक्षा की अलख जगाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही लोगों को इंसान बना सकती है। जब लोग सही मायने में शिक्षित होंगे तो समाज को हर क्षेत्र में अच्छे प्रोफेशनल मिलेंगे। हमें समाज का निर्माण करने की जरूरत है। यह काम शिक्षा से संभव है।

वैद्यनाथ धाम में राष्ट्रपति ने की पूजा-अर्चना

ष्ठश्वह्रद्द॥न्क्त्र(29 स्नद्गढ्ड.): राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने शनिवार को राष्ट्र कल्याण के निमित्त देवघर में बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना की। इस मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू भी मौजूद थीं। राष्ट्रपति गर्भ गृह में तकरीबन 10 मिनट रुके और भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। मंदिर के मुख्यद्वार में प्रवेश करते ही 11 वैदिक पुरोहितों ने शंखनाद कर राष्ट्रपति का अभिनंदन किया। पूजा के बाद देवघर परिसदन के लिए रवाना होने से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद को जिला प्रशासन और पंडा धर्मरक्षिणी महासभा की ओर से राष्ट्रपति को शिव-पार्वती का प्रतीक चिह्न और रुद्राक्ष व वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

Posted By: Inextlive