-केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा नमामि गंग परियोजना से बनेंगे चैनल, -चैनल के जरिए शहर से बाहर एकत्र कर गंदे पानी का किया जाएगा शोधन

HARIDWAR: गंगा में गिर रहे नालों के पानी को चैनल बनाकर रोका जाएगा। जिसे शहर से दूर एकत्र कर उसका शोधन किया जाएगा। शोधन के बाद पानी का बीओडी लेवल ठीक कर उसे खेतों की ¨सचाई के लिए छोड़ दिया जाएगा। इससे नदी के प्रदूषण मुक्त होने के साथ गंगा के तटों पर बसे किसानों को नमामि गंगे परियोजना का लाभ मिलेगा। यह बात केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हरिद्वार प्रवास के आखिरी दिन कही।

गंगा किनारों का किया निरीक्षण

उमा भारती ने गंगा में सीधे गिर रहे नालों को लेकर गहरी ¨चता जताई। उमा भारती ने कहा कि प्रवास के दौरान गंगा के किनारों का निरीक्षण किया तो कई नाले बड़ी मात्रा में कचरा लेकर सीधे गंगा में गिरते दिखे। यह यदि ऐसा ही रहा तो परियोजना पूर्ण होने के बाद भी गंगा नदी निर्मल नहीं हो पाएगी। लिहाजा परियोजना में संशोधन का निर्णय लिया है।

सभी गंगा किनारों पर बनेगा चैनल

हरकी पैड़ी से लेकर हर जगह नालों के पानी को गंगा में गिरने से रोकने के लिए किनारों पर चैनल का निर्माण किया जाएगा। गंगा के किनारों से लगे सूचीबद्ध क्ब्ब् व असूचीबद्ध चार हजार नालों का गंदा पानी इसी चैनल में गिरेगा, इस दूषित पानी को शहर के बाहर कहीं एकत्र किया जाएगा। इस पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में लेकर शोधित किया जाएगा। शोधन के बाद इस पानी को खेतों की ¨सचाई के लिए किसानों को दे दिया जाएगा। इससे गंगा के मैदानी इलाकों में ¨सचाई के लिए भरपूर मात्रा में पानी भी मिलेगा। यदि इस पानी को नदी में डालने की मजबूरी हुई तो पहले पाली का बीओडी लेवल ठीक किया जाएगा। नदी के बराबर बीओडी लेवल होने पर ही शोधित पानी को नदी में गिराया जाएगा।

ख्भ् हजार करोड़ होगा बजट

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नालों के पानी रोकने के लिए चैनल बनाए जाने की व्यवस्था से नमामि गंगे परियोजना का बजट बढ़ सकता है। परियोजना में बजट की कमी न हो इसके लिए गंगा रिलीफ फंड को बीस हजार करोड़ से बढ़ाकर पचास हजार करोड़ किया जाएगा। इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहमति जता दी है कि गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए धन की कमी कहीं आड़े नहीं आने पाएगी।

Posted By: Inextlive