आइए जानते हैं उन खास बातों के बारे में जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा की हाई लाइट बनी।

साढ़े चार लाख करोड़ रुपये का जबरदस्त निवेश
इस दौरे की सबसे बढ़ी उपलब्धि रही संयुक्त अरब अमीरात का आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत में 75 अरब डॉलर (लगभग साढ़े चार लाख करोड़ रुपये) के भारी-भरकम निवेश का फैसला। इस पूंजी से रेलवे, बंदरगाह, सडक़, हवाई अड्डे, औद्योगिक गलियारे और पार्कों का विकास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2000 से मई 2015 के बीच यूएई ने भारत में 3.09 अरब डॉलर का निवेश किया, जो इस अवधि के दौरान भारत में कुल निवेश का महज एक फीसद है।
 
सौ अरब का कारोबार
इसके अलावा दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में आपसी कारोबार सौ अरब डॉलर तक बढ़ाने और ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी का भी फैसला किया है। यूएई के इस पूंजी निवेश से भारत में अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का तीव्र विकास हो सकेगा। 

सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी को समर्थन
यूएई ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की दावेदारी को भी अपना समर्थन दिया है। दोनों देशों ने सुरक्षा परिषद में शीघ्र सुधार का आह्वान किया है। यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान ने अपने देश की ओर से इस मुद्दे पर समर्थन का आश्वासन दिया।
बनारस-शारजाह के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू
बनारस से शारजाह के लिए सीधी उड़ान सेवा की शुरुआत की गई। पहले दिन एयर इंडिया का विमान एयर इंडिया एक्सप्रेस 184 यात्रियों को लेकर शाम पांच बजे शारजाह के लिए उड़ा। बनारस से शारजाह के लिए उड़ान सेवा सप्ताह में तीन दिन सोमवार, गुरुवार व शनिवार को मिलेगी। साथ ही इसके तहत एयर इंडिया खाड़ी देशों के विभिन्न शहरों सहित जेद्दाह, मास्को, टोक्यो, सिंगापुर व हांगकांग के बीच यात्रियों को आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। इन यात्रियों का कस्टम व इमीग्रेशन प्रक्रिया बनारस के एयरपोर्ट पर ही हो जाएगा।
विकास का अहम साथी बना यूएई
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि खाड़ी क्षेत्र में भारत की आर्थिक, सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में विकास के लिए यूएई को वह एक अहम साथी के रूप में देखना चाहते हैं। जो इन मुद्दों पर भी सहयोग करेगा, आवास के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी युक्त कम लागत वाले मकान। कृषि क्षेत्र में शीतगृह नेटवर्क और भंडारगृह का नेटवर्क। आधारभूत संरचना व रीयल एस्टेट। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा। बंदरगाह आधारित विकास।
प्रवासी भारतीयों की मदद
प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए बनी हैं ये खास योजनायें, दूतावास, वाणिज्य दूतावास की शिकायतें दूर करने के लिए ‘मदद’ नाम का ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाया। ई-माइग्रेट पोर्टल शुरू  किया है। अब आव्रजन ऑफिस जाने की जरूरत नहीं। यूएई में ज्यादातर भारतीय कामगार हैं। उनके लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास शिविर लगाकर समस्या का हल करेगा। विदेश में रहने वाले भारतीयों की मदद के लिए ‘इंडियन कम्युनिटी डेवलपमेंट फंड’ बनाया। यूएई के स्कूलों में अनिवासियों के बच्चों के प्रवेश की समस्या का हल निकाला जाएगा।

पहली बार मिला बड़ी जनसभा का मौका
ऐसा यूएई में पहली बार हुआ जब किसी देश के प्रमुख की इतनी बड़ी सभा की अनुमति दी गई। ये सभा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में हुई। जहां 30,000 लोगों को बिठाने की क्षमता थी, लेकिन पहुंचे 50 हजार से ज्यादा।
मुस्लिम देश में मंदिर बनाने का हक
इस यात्रा की सबसे खास बात थी कि संयुक्त अरब अमीरात ने अपने यहां एक भव्य मंदिर बनाने की अनुमति भारतीयों को दे दी है। इस काम के  लिए वहां जमीन भी दे दी गयी है। इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया जा रहा है।
आतंकवाद और जुर्म से साझी लड़ाई का वादा
संयुक्त अरब अमीरात ने वादा किया है कि वो हर तरह के आतंकवाद से मुकाबला करने में भारत के साथ है। साथ ही अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद को पकड़ने और किसी भी तरह के जुर्म को खत्म करने के लिए भारत के साथ खड़े होने को तैयार है। 

संयुक्त सैटेलाइट कार्यक्रम
इस दौरे के दौरान तय हुआ है कि दोनों देश संयुक्त तौर पर एक सैटेलाइट लॉन्च करेंगे, जिसका इस्तेमाल सभी सार्क देश कर सकेंगे। साथ ही कालाधन रोकने पर सहयोग विशेष कर मनी लॉड्रिंग पर रोक का भरोसा दिलाया है। ड्रग स्मालिंग पर भी नियंत्रण करने में भी युएई भारत के साथ है और इसके लिए कैसे भी मादक द्रव्य की आवाजाही पर रोक लगाने की व्यवस्था की जाएगी।

Posted By: Molly Seth