अपने सारे टेस्ट में पास हुई पृथ्वी-2 पर आइऐ हम भी ड़ालते हैं एक नजर.


350 किलोमीटर तक की रेन्जपरमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पूर्ण रूप से स्वदेशी निर्मित मिसाइल पृथ्वी-2 का सोमवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. सुबह 9.14 बजे यह मिसाइल 350 किलोमीटर दूर लक्ष्य तक सटीक रूप से पहुंचने में कामयाब रही. इसका परीक्षण रक्षा बलों के उपयोग के उद्देश्य से किया गया है. मोबाइल लांचर से किया लांचसतह से सतह पर प्रहार करने वाली इस मिसाइल को ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर एंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) के लांच कांप्लेक्स-3 (एलसी-3) से एक मोबाइल लांचर द्वारा छोड़ा गया. मिसाइल का परीक्षण रक्षा सेवाओं की स्ट्रेटजिक फोर्स कमांड (एफएससी) ने अपने ऑपरेशनल अभ्यास के तहत किया है. इसकी निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने की है.सफल परीक्षण
आटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने बताया कि परीक्षण सौ फीसदी सफल रहा. डीआरडीओ द्वारा विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल को पहले ही भारतीय सैन्य विभाग में शामिल किया जा चुका है. पृथ्वी-2 भारत के प्रतिष्ठित एकीकृत निदेशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (आइजीएमडीपी) के तहत विकसित की गई पहली मिसाइल है. यह 500 से 1000 किग्रा. वजन तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है. इससे पहले पृथ्वी-2 का परीक्षण गत 12 अगस्त को किया गया था.

Posted By: Subhesh Sharma