- गोरखपुर बस स्टेशन पर दलालों का फैला जाल

- इनके चंगुल में फंसकर पैसेंजर्स भी होते बेहाल

GORAKHPUR: बस स्टेशन और रेलवे स्टेशनों पर पूड़ी सब्जी और केला सहित अन्य कई सामान बिकते हुए आपने देखा होगा. लेकिन गोरखपुर बस स्टेशन पर पैसेंजर्स भी बिकते हैं ये किसी ने नहीं सुना होगा. इस समय गोरखपुर बस स्टेशन पर दलालों का बोलबाला है. वॉल्वो के बंद होने के बाद तो दलालों की और चांदी हो गई है. ये बस स्टेशन पर दिनभर टहलकर एलिड क्लास पैसेंजर्स को अपनी बातों में फंसाते हैं और फिर इन्हें अपनी गाड़ी से पैडलेगंज चौराहे पर ले जाते हैं. वहां पर इनकी प्राइवेट एसी स्लीपर बस पहले से लगी रहती है. जिसमे पैसेंजर्स को बैठाते हैं. ऐसा दलाल तब तक करते हैं जब तक बस फुल ना हो जाए. इसके लिए दलालों को मोटी रकम दी जाती है. जिसके चक्कर में दलाल परिवहन निगम को चुना लगा रहे हैं. हालत ये है कि इनकी पहुंच और रौब के आगे बस स्टेशन के कर्मचारियों की भी एक ना चलती है.

पैडलेगंज में खड़ी है बस

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने जब इस पूरे मामले का रियल्टिी चेक किया तब मामला खुलकर सामने आया. शाम को इधर-उधर ठेले वालों से रिपोर्टर ने पुछा कि भाई दिल्ली के लिए कोई बस मिल जाएगी क्या. ठेले वाले ने एक युवक को इशारा करके बुलाया. वाइट शर्ट पहने और गमछा लपेटे युवक ने कहा कि दिल्ली जाना है तो मै ले चलुंगा. मेरी एसी स्लीपर बस पैडलेगंज में खड़ी है. इस पर रिपोर्टर ने बोला कि उतना दूर कैसे जाएंगे. इस पर उस युवक ने कहा कि मै तुरंत कार मंगा रहा हूं वो आपको पैडलेगंज तक छोड़ देगी. रिपोर्टर ने किराया पुछा तो युवक ने बताया कि 1320 रुपए लगेंगे.

बस स्टेशन पर सबको है खबर

दलालों का ये कारनामा बस स्टेशन के कर्मचारियों से भी छुपा नहीं है. इनके बारे में सभी कर्मचारी जानते हैं, लेकिन बेवजह बवाल में फंसना नहीं चाहते हैं. वहीं सूत्रों की माने तो कुछ कर्मचारी भी इन दलालों की मदद करते हैं. इसके लिए उनका महीना बंधा हुआ है.

ऑनलाइन भी बुक होता टिकट

एसी स्लीपर बसों का डिटेल ऑन लाइन भी देखा जा सकता है. सच्चाई तो ये है कि एसी स्लीपर बसों का परमिट केवल बुकिंग के लिए ही होता है. लेकिन आरटीओ की लापरवाही की वजह से ये फुटकर पैसेंजर्स बैठाकर दिल्ली तक की दूरी तय कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो इसमे दिल्ली तक का सफर इतना आसान नहीं है इसमे अधिकारियों की भी मिलीभगत है. जिसकी पनाह में ये स्लीपर बसें फर्राटा भर रही हैं.

बीच में देती बस धोखा

दलालों के चंगुल में फंसकर एसी और आराम की चाहत में कई बार पैसेंजर्स धोखा भी खा जाते हैं. इन बसों पर कई पैसेंजर्स ने ये आरोप लगाया है कि बस चलने के बाद बीच में ही एसी बंद हो जाती है. कुछ कहो तो बताते हैं कि खराब हो गई. कई बार तो बस रास्ते में खराब भी हो जाती है. जिससे कई घंटे तक रास्ते में परेशान होना पड़ता है.

फैक्ट फीगर

-बस स्टेशन पर हर दिन आते हैं- करीब 10 हजार पैसेंजर्स

-गोरखपुर डिपो में एसी शताब्दी और जनरथ की संख्या- 49

- एसी स्कैनिया बस - 02

जनरथ का किराया-

दिल्ली- 1452 रुपए

लखनऊ का - 510 रुपए

स्कैनिया का किराया

दिल्ली- करीब 2100 रुपए

लखनऊ- करीब 800 रुपए

वर्जन-

बीच में दलालों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया था. इधर फिर इनका जाल फैलता जा रहा इनकी खोज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

केके तिवारी, एआरएम गोरखपुर डिपो

Posted By: Syed Saim Rauf