प्राइवेट वैन के ड्राइवर ने की थी मासूम बच्चे के साथ छेड़छाड़

- ड्राइवर के जेल जाने के बाद भी डरते हैं पैरेंट्स व मासूम रौनक

LUCKNOW: रोजाना म्यूजिक क्लास में जाने के लिए रौनक को वैन ड्राइवर अंकल लेने घर आते थे। ड्राइवर अंकल के साथ वह म्यूजिक क्लास जाता था और फिर दो घंटे बाद घर वापस आ जाता था। 23 जून 2016 की दोपहर रोज की तरह ड्राइवर अंकल रौनक को लेने आशियाना स्थित उसके घर पहुंचे थे। वैन में ड्राइवर अंकल के साथ उनका एक दोस्त भी था। रौनक को नहीं मालूम था कि जिसे वह अंकल कहकर बुलाता था, वह और उसका दोस्त आज किसी गलत इरादे से उसे घर से लेकर निकले थे।

लौटने के बाद क्लास न जाने की जिद करता रहा

23 जून 2016 को म्यूजिक क्लास से लौटने के बाद रौनक दोबारा क्लास में न जाने की जिद पर अड़ा रहा। मां के कहने पर वह रोने लगता था। 8 साल के रौनक की इस बदली हुई आदत को देख पैरेंट्स भी परेशान हो गए। बात को गंभीरता से लेकर पैरेंट्स म्यूजिक क्लास तक पहुंचे और टीचर से मिलकर मामले की जानकारी करनी चाही। टीचर ने भी बात को टाल लिया, लेकिन पैरेंट्स रौनक के बर्ताव से भौंचक्के थे। उन्होंने रौनक से बात की और फिर उसने जो बताया वह चौंकाने वाला था। रौनक ने बताया कि वैन ड्राइवर और उसके दोस्त ने उसके साथ गंदी बात की। साथ ही धमकी दी है कि अगर किसी को उसने बताया तो उसे जान से मार देंगे।

पैरेंट्स ने सलाखों के पीछे पहुंचाया

म्यूजिक ट्यूशन सेंटर में कई बार शिकायत के बाद भी एक्शन न होने पर रौनक के पैरेंट्स ने आशियाना पुलिस से शिकायत की। पुलिस म्यूजिक ट्यूशन सेंटर तक पहुंची, लेकिन वहां महिला कर्मचारी होने के चलते कोई बड़ा एक्शन नहीं ले सकी। उधर, रौनक के पैरेंट्स लगातार इस बात पर अड़े थे कि या तो क्लास में या फिर वैन में उसके साथ कुछ गलत हुआ है। पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही थी। आखिर बच्चे से कई सवाल किए गए और फिर उसकी बताई गई बातों के आधार पर वैन ड्राइवर को पकड़ा गया। इससे न केवल सच सामने आया बल्कि पुलिस ने वैन ड्राइवर और उसके दोस्त को सलाखों के पीछे भेजा। घटना के बाद से रौनक और उसके परिवार वाले आज तक उबर नहीं पाए हैं। उसने म्यूजिक क्लास जाना छोड़ दिया। यहीं नहीं अब वह स्कूल भी वैन से नहीं जाता है। उसके पैरेंट्स उसे आज भी स्कूल खुद छोड़ने व लेने जाते हैं।

बच्चों के आसपास के माहौल की केयर करें पेरेंट्स

पहले की तुलना में आज की लाइफस्टाइल में काफी चेंज आ चुका है। जेनरेशन गैप के कारण आए इस बदलाव को देखते हुए आज लोगों को अपने बच्चों से ज्यादा ही कनेक्ट और अवेयर होने की बहुत जरूरत है। कनेक्शन ऐसा होना चाहिए जिसमें पेरेंट्स न सिर्फ अपने बच्चों के लिए सेफ स्पेस बन सकें, बल्कि उन बच्चों की सोर्स ऑफ इनफॉर्मेशन और उनकी क्यूरोसिटी की दुनिया भी पेरेंट्स ही ईर्द-गीर्द हो। तेजी से बढ़ते बच्चों को सेक्सुअल अब्यूज से बचाना और उन्हें इससे सचेत करना भी आज के पेरेंट्स के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वो बच्चों को उनके आसपास के माहौल से परिचित कराएं। उन्हें बताएं कि जिस दुनिया में वो जी रहे हैं, वहां क्या हो रहा है और कैसे-कैसे लोग हैं। चाइल्ड सेक्स अब्यूज पर बात करते समय उन्हें यह हकीकत भी अहसास कराना होगा कि वो ये न सोचें कि अनजान ही उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि चाइल्ड सेक्स अब्यूज के 94 परसेंट केस में परिचितों ने ही बच्चों को नुकसान पहुंचाया है। पेरेंट्स को चाहिए कि लड़कियों को ही नहीं, लड़कों को भी इस बारे में सचेत करें, क्योंकि लड़कियों से ज्यादा लड़के सेक्सुअल अब्यूज का शिकार हो चुके हैं। बच्चों को भी यह भी बताना होगा कि सेक्सुअल अब्यूज सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी कर सकती हैं। हालांकि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट, रेडियो सिटी और परवरिश के सर्वे में तो आधे लोगों यह तक नहीं पता था कि महिलाएं भी यौन उत्पीड़न कर सकती हैं। बच्चों के आसपास के माहौल को लेकर पेरेंट्स को व्यापक रूप से सतर्क होने की जरूरत है। चाइल्ड सेक्स अब्यूज को ही केवल फोकस न करें, बल्कि बचपन में बच्चे कई और तरह के माहौल और मनोदशा से होकर गुजरते हैं। उन्हें करियर की चिंता होने लगती है, फिजिकल चेंज होने लगता है। एजुकेशन का प्रेशर होता है, जिस कारण वो अक्सर मेंटल स्ट्रेस में आ जाते हैं और अपने आसपास के माहोल पर ध्यान नहीं दे पाते। इसलिए यह जिम्मेदारी पेरेंट्स की ही बन जाती है कि वो बच्चों के आसपास के माहौल पर नजर रखें।

Posted By: Inextlive