प्रिया को बनाया 'कन्हैया'
प्राइवेट फॉर्म में छात्रा प्रिया के नाम पर छपी भगवान कृष्ण की फोटो
सीसीएसयू के अजब-गजब खेल, यूनिवर्सिटी में जुट रही छात्रों की भीड़ फर्जी फार्म भरने के केस भी आ रहे सामने, परेशान हो रहे स्टूडेंट्स केस-1 गाजियाबाद के कॉलेज से बीकॉम थर्ड इयर की प्रिया। उसने फार्म भरने के लिए खोला तो पता लगा कि उसके फार्म तो पहले ही भरा हुआ है, फार्म में मेरी जगह भगवान कृष्ण की फोटो लगी हुई है। यहीं नई फार्म में नम्बर भी गलत है, जिससे पता लग रहा है फर्जी फार्म भरा गया है। केस-2 मेरठ कॉलेज से रेगुलर बीए फाइनल का फार्म भरने वाले सचिन ने बताया कि उसके फार्म में ईयर ही गलत है। उसके फार्म में 2017 लिखा हुआ आ रहा है। जिसको ठीक कराना है। केस-3रिंकी के नाम को दो बार रिपीट करके रिंकी अशोक रिंकी अशोक करके लिखा आया है। जिसे ठीक नहीं करा जा रहा है, रिंकी ने बताया कि उसने एमए फर्स्ट इयर का फार्म भरा है।
Meerut। 'सर मैनें तो फार्म ही नहीं भरा, मेरा खुद ही किसी ने भर दिया। फार्म में भगवान कृष्ण की फोटो लगाई है मुझे भगवान बना दिया, सर मेरा भी नाम रिपीट हो रहा है' यूनिवर्सिटी में फार्म को लेकर हो रही गड़बड़ी के महज ये तीन ही केस नहीं है, बल्कि इस तरह केसैकड़ों स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में नजर आ रहा है। ऐसे में शुक्रवार को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने यूनिवर्सिटी में पहुंचे सैकड़ों विद्यार्थियों से बात की तो यूनिवर्सिटी के सिस्टम का सच सामने आया।
खूब रही शिकायतें यूनिवर्सिटी के कमरा नम्बर 309 को शुक्रवार को बंद कर दिया गया था। क्योंकि वहां भीड़ बेकाबू हो रही थी, अधर में लटके अपने भविष्य की परेशानियों को सुलझाने के लिए सैकड़ों स्टूडेंट्स पहुंचे थे। ऐसे में गेट बंद कर दिया गया था। मौके पर पहुंचे स्टूडेंट्स से बात करने के बाद सामने आया कि किस तरह से फार्म भरने में गड़बड़ी हो रही है, कई तरह के परेशानियां भी आ रही है। प्राइवेट एडमिशन में खेलस्टूडेंट्स के अनुसार प्राइवेट फार्म भरने वालों के फार्म में अधिक दिक्कतें आ रही है। उनके अनुसार ऐसा किसी सेटिंग के खेल भी हो सकता है। क्योंकि कई फार्म ऐसे है जिनको स्टूडेंटस ने भरा तक नहीं और वो ऑलरेडी भरे हुए आ रहे है। ऐसे में स्टूडेंट्स जब अपना फार्म खोल रहे हैं तो उनकी जगह किसी और की फोटों और फोन नम्बर किसी और का है, रोल नम्बर व बाकी डिटैल्स उनकी ही है।
साइबर कैफे का खेल कई बार ऐसा होता है कि साइबर कैफे वाले प्राइवेट देहाती सेंटर्स से सेटिंग गेटिंग कर लेते हैं, जिसके चलते वो नकल कराने कच्च् च्च्छा से इस तरह से फार्म भरवा देते है, जिसके चलते इस खेल के लिए एक स्टूडेंटस से पेपर कोड की संख्या के हिसाब से पांच से दस हजार लिया जाता है। नहीं खुल रहे है कोड और फार्म केवल यहीं नहीं कुछ पेपर कोड के फार्म भी नहीं खुल रहे है। इनमें एमकॉम, बीए वाले स्टूडेंटस अधिक है। जिनके पेपर कोड नहीं खुल रहे हैं। कई स्टूडेंट्स के फार्म ऐसे भी है जिनके में ईयर ही गलत लिखा आ रहा है। 2017 ईयर लिखा है। मेरा फार्म भरने के लिए वेबसाइट पर गई तो देखा कि मेरा फार्म ऑल रेडी भरा आ रहा है, फार्म खोला तो देखा भगवान की फोटो के साथ, मेरा नाम, किसी और का फोन नम्बर है, नम्बर भी बंद जा रहा है। प्रिया मेरे फार्म में मेरी जगह किसी अन्य स्टूडेंट की फोटो आ गई है, इसकी शिकायत करने आई तो बहुत भीड़ मिली। रेनूमेरे फार्म में कोड नहीं खुल रहा है, मैं एमकॉम की छात्रा हूं, मेरे पेपर कोड ही नही खुल रहे हैं।
स्नेहा मेरे फार्म में इयर भी गलत लिखा हुआ है और जो नम्बर आए है वो भी गलत है। ऊपर से यहां कोई सुन नही रहा है। सचिन कई समस्याएं आ रही हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स को बताया गया है कि वो कमरा नम्बर 302 में अपनी समस्याएं का समाधान करा सकते हैं। प्रो.एनके तनेजा, वीसी सीसीएसयू