प्रियंका गांधी की बैठक से अटकलें तेज़
पिछले महीने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को करारा झटका लगा था. उसके बाद पार्टी में शुरू हुई इस हलचल को उन्हीं नतीजों से जोड़कर देखा जा रहा है.साथ ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में प्रियंका गांधी की लोकप्रियता को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी संभावित सक्रियता की चर्चा गर्म है.वैसे इस बैठक में प्रियंका की मौजूदगी को कांग्रेस ने बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा है कि वे राजनीति में पहले से ही सक्रिय रही हैं.कांग्रेस ने इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हो रही सुगबुगाहट पर भी हैरानी जताई है.
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं से इस बारे में कहा, ''वह भले ही सक्रिय राजनीति में भागीदारी करती न दिखती हों मगर वह लंबे समय से कांग्रेस की सक्रिय सदस्य हैं. राजनीतिक मामलों में उनके अपने विचार हैं. समय-समय पर वे कार्यकर्ताओं से चर्चा करती रही हैं. अगर उन्होंने इन विषयों पर पार्टी के कुछ वरिष्ठ लोगों से बात की हो तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है, इसमें नई बात क्या है.''
वैसे हाल के महीनों में ये चर्चा होती रही है कि अपनी मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और राहुल के चुनाव क्षेत्र अमेठी तक अपने को सीमित रखने वाली प्रियंका गांधी राजनीति में और वक़्त दे सकती हैं.मोदी के मुक़ाबले कौन
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा, ''ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. जहां तक भाजपा का सवाल है, हमारा नेतृत्व एकदम स्पष्ट है और हमारा लक्ष्य 2014 के चुनाव में बहुमत हासिल करना है.''उन्होंने कहा, ''पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर मुझे नहीं लगता कि इससे कांग्रेस के राजनीतिक परिदृश्य पर कोई असर पड़ेगा.''