-डर लगने लगा है मानसून से

-अभी से कंपा रही पिछले साल की मुसीबत

-अभी तक नहीं ढके गए हैं नाले

-इसी महीने आजाद नगर के नाले में बहने से फरहान की हो गई थी मौत

JAMSHEDPUR: वैसे तो मानसून की बारिश लोगों के लिए राहत लेकर आता है लेकिन मानगो डायगुट्टू और इसके आसापास के इलाकों में मानसून की बारिश आफत की बूंद बन कर बरसती है। मानगो के रहने वाले लोग पिछले साल की जोरदार बारिश भूले नहीं हैं। पिछले साल जब मानसून आया और जोरदार बारिश हुई तो कालिका नगर डिमना रोड नाला उफना गया था। आदर्श नगर की सड़कों पर कमर तक पानी भर गया था। इस मुहल्ले के लगभग क्00 घरों में इतना पानी घुसा था कि घर के छोटे-मोटे सामान बह गए थे। लोगों ने अगले दिन तक घरों में कमर तक घुसा पानी निकाला। एक तरह से लोग दो दिनों तक घर और छतों पर कैद होकर रह गए थे। इस साल भी मौसम विभाग ने सामान्य बारिश की संभावना व्यक्त किया है। आदर्श नगर के लोग अभी से इस बात को लेकर सहमे हैं कि कहीं इस साल भी उन्हें दोबारा वह सब न करना पड़े जो पिछले साल किया था।

कई इलाकों में नहीं हुई नालों की सफाई

नालों की मानसून आने से पहले सफाई का दावा अक्षेस प्रशासन कर रहा है, इनमें से किसी भी नाले की लंबाई एक से डेढ़ किमी से कम नहीं है। कालिका नगर नाले को ही लें तो इस नाले में कीचड़, कचरा और घास-फूस अटा पड़ा है। पांच फीट चौड़े इस नाले का वजूद आदर्श नगर में मुश्किल से दो फीट भी नहीं दिखाई पड़ रहा है। नाले में गंदा पानी जाम होने के कारण पूरा क्षेत्र दुर्गध से भरा पड़ा है। स्थानीय लोगों को तो इस नाले की सफाई कब हुई थी, यह तक याद नहीं है। पूरा इलाका मच्छरों के प्रकोप से त्रस्त है। लोग बरसात को लेकर अभी से भयभीत हैं। क्योंकि पिछली बरसात में लोगों जो भुगता है, उसकी आशंका उन्हें अभी से सता रही है।

नहीं ढंके गए नाले

बार-बार हादसे होने के बाद भी नालों को ढंका नहीं जा रहा है। पिछले ही हफ्ते आजाद नगर के एक नाले में बहकर क्ख् साल के फरहान की मौत हो गई थी। आजादनगर के ही एक और नाले में पिछले साल एक और बच्चा डूबा था। हादसे-दर-हादसों के बाद भी मानगो अक्षेस के पदाधिकारी नहीं चेत रहे हैं। उनके आश्वासन के बाद भी नालों को ढंकने का कोई बंदोबस्त भी नहीं किया गया है।

अक्षेस प्रशासन की तैयारी

मानगो अक्षेस क्षेत्र के आठों नालों की सफाई का डीपीआर तैयार है। क्रियान्वयन की प्रक्रिया चल रही है। मानगो के सभी तीनों वार्डो में नालों की सफाई का काम अलग-अलग एजेंसी या ठेकेदार को दिया जाएगा। उन्हें सख्त हिदायत हो कि मानसून से पहले हर हाल में सफाई का काम पूरा कर लें।

क्या कहते हैं लोग

बरसात में नाला लबालब भर जाता है। इस नाले का पानी सड़कों पर इस कदर बहता है कि मानो सड़क ही नाला बन गई हो। पूरा इलाका डूब क्षेत्र में तब्दील हो जाता है।

मिथिलेश कुमार

नाला तो अभी भी बास मार रहा है। बरसात के समय तो जीना मुश्किल हो जाता है। यही गंदा और बदबूदार पानी हम लोगों के घरों में भी घुसता है।

सुषमा देवी

नाला हमेशा जाम रहता है। इस कारण पानी बह नहीं पाता है और जब बारिश होती है तो नाले के पानी उफनाकर पूरे मुहल्ले में भर जाता है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।

सुमन देवी

डायगुट्टू में हर साल का मानसून आफत की बारिश लेकर आता है। नाले की कभी सफाई भी नहीं होती है। बरसात में तो कम से कम नाला साफ किया जाना चाहिए।

अंजू देवी

बारिश से तो अभी से ही डर लगने लगा है। पिछले हफ्ते ही हल्की बारिश हुई थी पूरा मोहल्ला पानी से डूब गया था। पानी निकलने में दो घंटा से ज्यादा का समय लगा था।

रिंकू देवी

जल जमाव से काफी परेशानी होती है। पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। मोहल्ले में सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है। बरसात में कई-कई दिनों तक हमलोग घर में ही कैद रहते हैं।

विवेक

घनी आबादी के पास नालों की दीवार को ऊंचा कराया जाएगा। इसके लिए इंजीनियरों को निर्देश दिया गया है। मानगो अक्षेस में बरसात के पहले नालों की साफ-सफाई के लिए टेंडर निकाल दिया गया है। जुगसलाई इलाके में नालों की सफाई भी शुरू कर दी गई है।

जेपी यादव, मानगो अक्षेस के विशेष पदाधिकारी

Posted By: Inextlive