चीन के प्रोपेगेंडा अधिकारियों ने राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के अंतिम संस्कार से पहले ख़बरें प्रकाशित करने में सीमाओं का ध्यान रखें.


हांगकांग से प्रकाशित अख़बार साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है.मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, "सभी मीडिया और वेबसाइटों को सोच समझकर सामग्रियों का चयन करना चाहिए और सही रिपोर्टिंग करनी चाहिए." स्थानीय मीडिया सूत्रों ने भी इस ख़बर की पुष्टि की है.मंत्रालय ने आदेश दिया है कि इस मौके पर मानवाधिकारों और लोकतंत्र के बारे में  मंडेला के विचारों का उल्लेख न किया जाए.इस आदेश में कहा गया है, "मंडेला के अंतिम संस्कार का फायदा लेकर हमारी राजनीतिक व्यवस्था और सरकारी नेताओं पर हमला करने वाली सभी टिप्पणियों को विबो (माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट) और ब्लॉग से तुरंत डिलीट करना अनिवार्य है."नियमित दिशानिर्देशनेल्सन मंडेला को दुनिया भर में मानवाधिकारों और रंगभेद के खिलाफ आवाज़ का प्रतीक माना जाता है.तिब्बत और ताइवान से जुड़े मसले चीन के लिए काफी संवेदनशील रहे हैं.


चीन के समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की वेबसाइट पर 11 दिसंबर को प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया है कि पश्चिमी देश अपने भूराजनीतिक स्वार्थों के लिए चीन में मानवाधिकारों के मसले को उठाते हैं.

संपादकीय में आगे कहा गया है कि "चीन को मानवाधिकारों की स्थिति में लगातार सुधार करने की ज़रूरत है. हमें पश्चिम के उपयोगी सुझावों को सुनना चाहिए, लेकिन हम अपने घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं."इससे पहले अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने मंगलवार को चीन से कहा था कि वो लू श्याबाओ को रिहा करे, जो फिलहाल लोगों को उकसाने के लिए 11 साल की सज़ा काट रहे हैं. उन्हें साल 2009 में गिरफ्तार किया गया था और इसके अगले साल उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया.बीते दिनों  नेल्सन मंडेला के निधन के अवसर पर पश्चिमी मीडिया ने लू श्याबाओ की कैद के मसले को उठाया था और "चीन का मंडेला" कहकर उनकी तारीफ की थी.

Posted By: Subhesh Sharma