- गोरखपुर में प्रॉपर्टी की चाहत में गई कई जानें - यहां हर गली हर चौराहे पर मिलेंगे जमीन के कारोबारी - शाहपुर एरिया में माफियाओं का चलता है सिक्का GORAKHPUR: गोरखपुर में एक समय था जब केवल नाम की खातिर बम और गोलियां चल जाती थीं. गोली चलाने या चलवाने वाले की भी यही चाहत रहती थी कि इस कांड में

- गोरखपुर में प्रॉपर्टी की चाहत में गई कई जानें

- यहां हर गली, हर चौराहे पर मिलेंगे जमीन के कारोबारी

- शाहपुर एरिया में माफियाओं का चलता है सिक्का

GORAKHPUR: गोरखपुर में एक समय था जब केवल नाम की खातिर बम और गोलियां चल जाती थीं। गोली चलाने या चलवाने वाले की भी यही चाहत रहती थी कि इस कांड में उसका नाम आए जिससे दूर-दूर तक लोग उसे जानें। समय के साथ ट्रेंड बदला, अब परदे के पीछे से अधिक काम होने लगे। अब माफिया या बदमाश केवल पैसा और फायदे के लिए ही किसी भी घटना को अंजाम दे रहे हैं। इसका उदाहरण गोरखपुर में अपशब्द या फिर बेइज्जती के बदले में अब गोलियां नहीं चल रही हैं। इस समय जहां देखो करोड़ों की प्रॉपर्टी में ही हत्या और गोलियों की गूंज सुनाई दे रही है। आधा दर्जन से अधिक मामले तो केवल 2020 में ही सामने आए। जिसमें हत्या या गोली चलने की वजह प्रॉपर्टी बताई गई।

माफिया निपटाते हैं जमीनी विवाद

शाहपुर, रुस्तमपुर, खोराबार और मानीराम एरिया के हर गली और चौराहे पर आपको प्रॉपर्टी डीलर मिल जाएंगे, जिनके पास जमीन के कागज और जानकारी रहती है। एक जमीन का वारा-न्यारा करने पर ही इनका लाखों रुपए का काम हो जाता है। वहीं प्रॉपटी से जुड़े मामले ज्यादातर लोग माफिया के पास ले जाते हैं। इसकी मोटी फीस लेकर माफिया अपना ट्रेलर दिखा मामले का निपटारा भी करा देते हैं। जबकि ज्यादातर मामलों में माफिया गरीब या कमजोर लोगों को कुछ पैसे देकर जमीन अपने नाम करा लेते हैं या फिर अपनी दबंगई से उसे अपने नाम करा लेते हैं। लाखों रुपए खर्चकर करोड़ों की जमीन माफिया के नाम हो जाती है।

प्रॉपर्टी के धंधे से आगे बढ़ा राकेश

सूत्रों की मानें तो झुंगिया निवासी माफिया राकेश यादव ने भी शाहपुर, पीपीगंज, कैंपियरगंज, कौडि़या, पिपराइच समेत कई जगहों पर जमीन के मामले हैंडल कर कम ही दिनों में करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा किया है। शाहपुर एरिया में तो जिस जमीन पर राकेश की निगाह पड़ गई उसमें क्या मजाल कि कोई और हस्तक्षेप करे। राकेश का ही शार्गिद अरुण निषाद प्रॉपर्टी के धंधे में आंखें दिखा रहा था। इस वजह से उसे रास्ते से हटाने की योजना राकेश ने बनाई।

2020 के केस

13 फरवरी: नखास मोहल्ले में रहने वाले दवा कारोबारी सईद अहमद को प्रॉपर्टी विवाद में ही उसके बेटे अनस ने तीन गोली मारकर हत्या कर दी थी।

22 फरवरी: प्रॉपर्टी विवाद में राजघाट थाना क्षेत्र में डॉ। कफील के मामा प्रॉपर्टी डीलर नुसरतुल्लाह वारसी उर्फ दादा को 22 फरवरी को उनके घर के पास ही बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

17 मई: मानस विहार कॉलोनी में अजय राज सिंह के घर पर पार्टी के दौरान बिहार के राकेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में भी प्रॉपर्टी विवाद ही सामने आया।

9 जून: मुंबई के कपड़ा व्यापारी राजकुमार सिंह की डेड बॉडी बाघागाढ़ा के बंधे पर मिली। पुलिस जांच में व्यापारी की हत्या का पता चला। पुलिस ने बताया कि व्यापारी की प्रॉपर्टी विवाद में हत्या की गई है।

9 जून: मेडिकल कॉलेज इलाके में दो प्रॉपर्टी विवाद में ही दो लोगों को गोली मारी गई। जिसमें भागते समय गोली मारने वाला बदमाश विपिन सिंह पुलिस की गोली से घायल हो गया। जिसकी अगले दिन मौत हो गई।

Posted By: Inextlive