-कुछ इलाकों में बदनाम हुई भूमि, खरीदने से पहले कर रहे तसल्ली

-सीलिंग और फर्जी तरीके से रजिस्ट्री, खरीदारों की बढ़ जा रही प्रॉब्लम

GORAKHPUR: शहर के कुछ इलाकों में भूमि की खरीद-फरोख्त करने में मामूली सी लापरवाही गले की फांस बन सकती है। विवादों की वजह से एक तरफ जहां जिला प्रशासन ने भूमि के नामांतरण पर रोक लगा दी है। वहीं, निर्माण कार्य के दौरान सामने आने वाले विवादों से पुलिस हलकान है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राजस्व के मामलों में तत्काल निस्तारण कर पाने में मुश्किल होती है। जबकि, प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि किसी तरह की शिकायत सामने आने पर कार्रवाई की जा रही है। महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर तीन में नामांतरण पर रोक लगी है।

भूमि की कीमत बढ़ी, मची मारामारी

शहर के डेवपलमेंट के साथ-साथ तेजी से भूमि का कारोबार बढ़ा है। पूर्व में भू माफिया ने खाली पड़ी भूमि पर कब्जा जमा लिया था। लोगों को गुमराह कर जमकर रजिस्ट्री कराते रहे। भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई होने पर सामने आया कि कुछ विशेष जगहों पर कब्जा जमाकर कुछ लोग प्रापर्टी डीलर बन गए हैं। इनकी मिलीभगत के बिना किसी के लिए भी भूमि खरीद पाना संभव नहीं है। दूसरी समस्या सामने आई कि किसी भी जमीन की खरीद पर ऑनर को कब्जा नहीं मिल पा रहा। मकान का निर्माण शुरू होने पर कई दावेदार सामने आ जाते हैं। जिससे विवाद बढ़ने पर थाना और तहसील में घूमता रह जाता है। हाल के दिनों में सामने आए मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्ती बरती। सीलिंग की भूमि सहित अन्य विवादित मामलों वाले एरिया में नामांतरण पर रोक लगा दी। इसमें महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर तीन श्ामिल है।

इन जगहों पर ज्यादा भ्ूामि विवाद

महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक

महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर दो

महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर तीन

जंगल छत्रधारी

बहरामपुर

जंगल धूसड़

क्या बरतें सावधानी

भूमि लेते समय ध्यान दें कि विक्रेता ओरिजनल कास्तकार है या किसी अन्य के जरिए सौदेबाजी हो रही है।

खतौनी में भूमि किसके नाम से दर्ज है। इसकी लेटेस्ट जानकारी तहसील से जरूर लें।

किसी परिचित लेखपाल, कानूनगों की मदद से संबंधित भूमि के बारे में पूछताछ करके आश्वस्त हो लें।

विक्रेता- खरीदार और गवाहों के पास ओरिजनल आईडी प्रूफ जरूर होना चाहिए।

नकद धनराशि देने के बजाय सारा लेनदेन बैंक एकाउंट के जरिए करें। भूमि का मुआयना कराकर पूरी स्टैंप ड्यूटी पे करें।

क्या आती है प्रॉब्लम, लोग हाेते परेशान

किसी के कहने पर लोग औने-पौने दाम पर भूमि खरीद लेते हैं।

सीलिंग की भूमि या अन्य विवादित भूमि की सौदेबाजी में रुपया फंस जाता है।

भूमि बेचने वाले एजेंट्स लाभ के चक्कर में किसी को कोई भूमि दिला देते हैं।

रजिस्ट्री के बाद खारिज दाखिला में रुकने पर लोग निर्माण कार्य नहीं करा पाते

एजेंट्स या अन्य गड़बड़ी करने वाले रुपए लेकर फरार हो जाते हैं।

फर्जीवाड़ा का शिकार होने पर थानों पर एफआईआर दर्ज कराने में समय निकल जाता है।

टॉप 10 विवादों की बन ही सूची

भूमि विवादों की वजह से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए सभी थाना क्षेत्रों से टॉप 10 विवादों की सूची एसएसपी ने मांगी है। एसएसपी के निर्देश पर थानेदार ऐसे मामलों को चिह्नित करने में जुटे हैं। जिनकी वजह से सोनभद्र जैसी घटनाएं सामने आ सकती है। एसएसपी ने बताया कि थाना स्तर पर जिन मामलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। उनमें गजेटेड आफिसर्स को इनवाल्व किया जाएगा। राजस्व विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की मदद लेकर विवाद सुलझाए जाएंगे। जो मामले में सिर्फ कोर्ट में निस्तारित हो सकते हैं। उनकी ताजा स्थिति की जानकारी लेकर संबंधित पक्षों से बातचीत की जाएगी। ताकि किसी तरह का विवाद न हाे।

वर्जन

जंगल टुकड़ा नंबर तीन में भूमि के नामांतरण पर रोक लगी थी। सीलिंग की भूमि की खरीद फरोख्त सामने आने पर कार्रवाई की गई। किसी तरह की आपत्ति या विवाद सामने आने पर कार्रवाई का निर्देश दिया जाता है।

-डॉ। संजीव दीक्षित, तहसीलदार सदर

किसी भूमि की रजिस्ट्री पर कोई रोक नहीं है। राजस्व जमा कराने पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कराई जाती है। यदि किसी तरह की आपत्ति या मामला सामने आने पर भूमि के खारिज दाखिला पर असर पड़ता है।

-केके शुक्ला, एआईजी स्टैंप

भूमि के तमाम विवाद सामने आते हैं। इसको देखते हुए सभी थाना क्षेत्रों से टॉप 10 की डिटेल मांगी गई है। जल्द ही यह लिस्ट मिल जाएगी। थानेदार सर्वे कर सूचना उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में जुटे हैं।

-डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

Posted By: Inextlive