Jamshedpur: प्रॉस्टीट्यूशन पर रोक लगाने की तमाम कोशिशें सिटी में फेल होती दिख रही हैं. आए दिन ब्यूटी पालर्स में पडऩे वाले रेड्स के बावजूद ये धंधा तेजी से अपना पैर फैला रहा है. सवाल उठता है कि आखिर क्यूं पुलिस इस धंधे पर लगाम लगाने में नाकाम रही है? क्या ऐसा करना पुलिस के बस में नहीं या फिर पुलिस ऐसा चाहती नहीं. आई नेक्स्ट ने इस मामले की पड़ताल की तो कई हैरान कर देने वाले फैक्ट्स सामने आए.

 Police की सह से चल रहा खेल!
ब्यूटी पालर्स में आए दिन होने वाले रेड, हर बार एक नए सेक्स रैकेट का खुलासा। कुछ लोगों की अरेस्टिंग होती है। थोड़े दिन शटर बंद रहने के बाद कुछ ही दिनों में फिर से धंधा स्टार्ट हो जाता है। क्या अगले रेड तक पुलिस बिल्कुल अंजान होती है? इस धंधे से जुड़े लोगों की मानें तो पुलिस के यूं अंजान बने रहने की एक कीमत होती है। अपनी आइडेंटिटी नहीं बताने की शर्त पर एक पार्लर संचालक ने बताया कि कई बार पुलिस सब जानते हुए भी आंखें बंद कर लेती है। उसने कहा कि कई बार धंधा चलाने वाले पुलिस के आंखें बंद करने के लिए पैसे देते है। उसने बताया कि बताया कि पुलिस कई पालर्स से रोजाना अपना हिस्सा लेती है। उसने कहा कि पुलिस के बड़े अधिकारियों की नजर में आए बगैर निचले लेवल पर ये काम किया जाता है।

कई areas में चलता है
प्रॉस्टीट्यूशन का ये धंधा सिटी के कई एरियाज में सालों से चल रहा है। साकची सब्जी मंडी स्थित टिना शेड मार्केट, गोलमुरी, जुगसलाई, मानगो, कदमा, बर्मा माइंस और सोनारी स्थित कई मेंस ब्यूटी पालर्स में आए दिन देह व्यापार के मामले सामने आते हैं। कुछ ही दिनों पहले साकची टिना शेड मार्केट में एक पार्लर में रेड के दौरान आठ लड़कियां और एक युवक गिरफ्तार किए गए थे। पिछले साल जुलाई से लेकर अब तक सोनारी, जुगसलाई और साकची एरियाज में कई बार रेड किए गए हैं।

कई महिलाएं है operator
सेक्स रैकेट ऑपरेट करने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं की भी है। एक पार्लर संचालक ने बताया सिटी के डिफरेंट एरियाज में करीब 10 से 12 ऐसे पार्लर हैं, जिन्हें महिलाएं आपरेट करती हैं। उसने बताया कि प्रॉस्टीट्यूशन के ज्यादा मामले महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाले पालर्स में होते हैं।

200 से start होता है rate
इन पार्लर में हर तरह की सर्विस के लिए रेट भी काफी चीपरखा गया है। लड़कियों से मसाज कराने के लिए जहां 200 से लेकर 400 तक रुपए लिए जाते हैं, वहीं सेक्स के लिए भी रेट 200 से स्टार्ट होता है। हर एज ग्रुप के लोग इन पालर्स में जाते हंै। एक पार्लर संचालक ने बताया कि अनमैरीड युवकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में मैरिड लोग इन पार्लर्स के कस्टमर होते हैं। ऐसे लोग बराबर आते हैं।

शौक के लिए prostitution
इस धंधे में आने वाली ज्यादातर महिलाओं के लिए ये रोजी-रोटी का जरिया है पर कई ऐसी भी लड़कियां हैं, जो महज शौक के लिए इसमें आती है। इनमें कई मैरिड वूमन भी शामिल हैं। ये महिलाएं अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रॉस्टीट्यूशन को एक पार्ट इनकम का जरिया बनाती हैं।
ये कैसी लाचारी?
प्रॉस्टीट्यूशन पर पूरी तरह लगाम लगाने में पुलिस भी खुद को लाचार बता रही है। नोडल ऑफिसर अरुण मिश्रा ने बताया कि पुलिस द्वारा सख्ती किए जाने के बावजूद इसे पूरी तरह बंद करने में कई परेशानियां आ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रॉस्टीट्यूशन के धंधे में आने वाली ज्यादातर महिलाओं का इकोनॉमिकल कंडीशन अच्छा नहीं होता। इनके लिए यह रोजी-रोटी का जरिया है। ऐसे में कारवाई किए जाने के बावजूद कुछ दिनों बाद ये फिर से अपना काम स्टार्ट कर देती हैं। इनके रिहैबिलिटेशन की व्यवस्था भी सही नहीं होने की वजह से इस पर लगाम लगाना मुश्किल होता है।

'प्रॉस्टीट्यूशन बंद करने के लिए पुलिस अक्सर कार्रवाई करती है। पर यह दोबारा शुरू हो जाता है. रिहैबिलिटेशन की व्यवस्था ना होना व आर्थिक तंगी इसके बढऩे के मेन रिजन हैं.'
अरुण मिश्रा, नोडल ऑफिसर

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in


Posted By: Inextlive