- लेखपाल परीक्षा को लेकर संजीदा नहीं थे अफसर

- मालगाडि़यों को पास देने के चक्कर में छात्रों की ट्रेन रोकना पड़ा भारी

kaushambi@inext.co.in

KAUSHAMBI: अटसराय और सुजातपुर रेलवे स्टेशन में रविवार को हुए बवाल के पीछे रेलवे प्रशासन की भूमिका विलेन की तरह रही। रेल के अफसर अगर परीक्षा को लेकर पहले संजीदा हुए होते शायद बवाल को टाला जा सकता था।

लेखपाल भर्ती परीक्षा के लिए कौशांबी, फतेहपुर और कानपुर के कई स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया था। जिले में 26 केन्द्र बनाए गए थे। प्रदेश में होने वाली इतनी बड़ी परीक्षा को रेल प्रशासन ने बेहद हल्के में लिया। परीक्षा देने वाले सुबह उद्यान आभा (तूफान) एक्सप्रेस, पुरी नई दिल्ली एक्सप्रेस, चौरीचौरा से परीक्षा केन्द्रों के लिए निकले थे। इलाहाबाद। प्रतापगढ़, चित्रकूट के अलावा जिले के सिराथू और भरवारी स्टेशन से बड़े पैमाने पर परीक्षार्थी ट्रेन में सवार हुए। अटसराय रेलवे स्टेशन में जब ट्रेन 10.40 तक कानपुर की तरफ रवाना नहीं की जा सकी तो अभ्यर्थियों को पक्का यकीन हो गया कि वह परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। इसे लेकर उन्होंने ट्रेन के आगे पटरी में स्लीपर रखकर ट्रैक पर कब्जा कर लिया और पथराव करने लगे। यही हाल सुजातपुर स्टेशन में पुरी और चौरीचौरा के रोके जाने की वजह से हुआ। यहां भी स्टेशन में आगजनी कर सारे अभिलेख व उपकरण फूंक दिए गए।

Posted By: Inextlive