- किसान लड़ते रहे गुरिल्ला युद्ध, पुलिस पीछे हटने पर मजबूर

- डीआईजी की रणनीति से खफा हुए पुलिसकर्मी व अधिकारी

Meerut/Ghaziabad : भाकियू व रालोद कार्यकर्ता की वजह से निवाड़ी थाना क्षेत्र का अबूपुर गांव का आधा किलोमीटर क्षेत्र युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। करीब दो घंटे तक संघर्ष चला। डीआईजी के सत्यनारायण की पुलिस को बल प्रयोग करने से रोकने के आदेश से पुलिसकर्मी व पुलिस अधिकारी खफा नजर आए।

दोनों तरफ से चले पत्थर

बृहस्पतिवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही विधायक सुदेश शर्मा, भगवती सिंह व वीरपाल राठी के नेतृत्व में भाकियू-रालोद कार्यकर्ता गंग नहर के पास पहुंचे, पूरा क्षेत्र युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। एक तरफ से पुलिस पर पथराव किया जा रहा था तो दूसरी तरफ से पत्थर का जवाब पत्थर से देने के साथ ही आंसू गैस, लाठीचार्ज, रबर बुलेट का प्रयोग शुरू हो गया।

आगे बढ़ो, पीछे हटो फिर मारो

पुलिस पहले आगे बढ़ो, पीछे हटो और मारो की रणनीति पर चली। पुलिस आगे बढ़ती और फिर पथराव से बचने को पीछे हटती रही। जैसे ही प्रदर्शनकारी आगे आते पानी की बौछार के साथ पुलिस लाठीचार्ज शुरू कर देती। हर बार कार्यकर्ताओं को पीटकर उन्हें हिरासत में ले लिया जाता रहा।

किसानों ने अपनाई गुरिल्ला रणनीति

भाकियू व रालोद कार्यकर्ताओं ने पहले अबूपुर गांव के अंदर से मोर्चा संभाला तो बागपत समेत अन्य जिलों से आए कार्यकर्ताओं ने कांवड़ पटरी मार्ग पर। इसके साथ ही खेतों के अंदर से कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। हर तरफ से आ रहे पत्थरों के कारण पुलिस को इनसे बचना कठिन हो रहा था।

खफा नजर आए पुलिसकर्मी

डीआईजी के सत्यनारायण करीब डेढ़ बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बल प्रयोग करने से रोकने के साथ ही वार्ता की पेशकश की। इस दौरान भी दूसरी तरफ से पथराव हुआ। अब तक हर प्रकार से मोर्चा ले रहे पुलिसकर्मियों और अफसरों के चेहरों पर मायूसी नजर आने लगी। पुलिसकर्मी यह कहते रहे कि जब पुलिस को पीछे ही हटाना था तो सुबह से दोपहर तक हमें क्यों आंदोलनकारियों से भिड़वाया गया।

नेशनल हाइवे पर भयंकर जाम

आंदोलन के कारण प्रशासन द्वारा विभिन्न स्थानों से आ रहे किसानों को रोकने के लिए लगाये गए अवरोध के कारण एनएच-भ्8 पर पर दिनभर जाम लगा रहा। ग्यारह बजे के बाद हाइवे पर किसानों को रोकने व रेग्यूलेटर पर पुलिसिया कार्रवाई की सूचना मिलने पर ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर आ रहे किसानों ने एनएच-भ्8 पर कई जगह जाम लगा दिया। बसों व अन्य वाहनों से आए किसानों ने वाहन सड़क किनारे खड़े करा दिए जिससे वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गई। आलम यह था कि मेरठ के परतापुर से लेकर गाजियाबाद का सफर तय करने में लोगों को चार पांच घंटे से अधिक का समय लगा। वाहनों की लंबी कतारों के बीच कई लाल व नीली बत्ती भी फंसी रहीं। इतना ही एम्बुलेंस भी जाम में फंस गई। तीन बजे तक हालत यह हो गई कि गाजियाबाद की ओर से आने वाले वाहनों की कतारें राजनगर एक्सटेंशन तक जबकि मोदीनगर की ओर से आने वाले वाहनों की कतारें मोदीनगर तक लग गयीं। जाम में फंसे हजारों लोग अजित सिंह, भाकियू और रालोद को कोसते रहे।

Posted By: Inextlive