DEHRADUN: आपातकालीन सेवा 108 व खुशियों की सवारी से हटाए गए फील्ड कर्मचारियों को सीटू व आशा कार्यकर्ताओं का भी समर्थन मिल गया है। फ्राइडे को उन्होंने कर्मचारियों के साथ मिलकर जुलूस निकाला और लैंसडौन चौक पर सीएम का पुतला फूंका। चेताया कि फील्ड कर्मचारियों की मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो प्रदेशभर में आंदोलन शुरू किया जाएगा।

सीएम का पुतला फूंका

सीटू व आशा कार्यकर्ता यूनियन के सदस्य यहां लोकल बस स्टैंड स्थित सीटू कार्यालय पर एकत्र हुए और वहां से जुलूस निकालकर लैंसडौन चौक पहुंचे। इस बीच 108 के पूर्व कर्मचारी भी धरना स्थल से लैंसडौन चौक पर पहुंच गए। उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए सीएम का पुतला फूंका। इस दौरान सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर श्रमिकों को गुलाम बनाने की साजिश की जा रही है। राज्य सरकार भी बड़ी कंपनियों व पूंजीपतियों के सामने नतमस्तक है। आरोप लगाया कि प्रदेश के मुखिया को कर्मचारियों से कोई लेना-देना नहीं है। श्रम कानूनों का उल्लंघन कर कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। 108 के फील्ड कर्मचारियों को नई कंपनी द्वारा सेवा से अलग करना श्रम कानूनों का उल्लंघन है। 11 साल तक आपातकालीन सेवा से जुड़े रहने के बाद यकायक फील्ड कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जाना अन्याय है। पुतला दहन करने वालों में सीटू के जिला उपाध्यक्ष शेर सिंह राणा, आशा कार्यकत्री यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, विपिन जमलोकी, राम सिंह भंडारी, नीरज यादव, नीरा कंडारी, सुनीता, सीमा, कविता, लक्ष्मी नेगी आदि शामिल रहे।

Posted By: Inextlive