- ट्यूजडे को बैंकों के विलय के विरोध में बैंक कर्मियों ने की हड़ताल

DEHRADUN: बैंकों के विलय के विरोध में ट्यूजडे को बैंक कर्मियों ने हड़ताल कर विरोध जताया। बैंक कर्मचारियों की एक दिवसीय हड़ताल से पूरे प्रदेश में लगभग दो हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ है। एस्लेहॉल चौक स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बाहर लिपिक वर्ग व अधीनस्थ वर्ग के साथ सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की बैंक विरोध नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया।

केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध

ट्यूजडे को ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन व बैंक एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर देशभर में बैंकों की एक दिवसीय हड़ताल रही। उत्तरांचल बैंक एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले देहरादून के लिपिक वर्ग व अधीनस्थ वर्ग के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हड़ताल में भारतीय स्टेट बैंक के साथ स्थानीय सरकारी बैंक शामिल नहीं हुए। इसके अलावा हड़ताल को अधिकारी वर्ग का समर्थन भी खुलकर नहीं मिला। मगर इसके बावजूद देहरादून में सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश बैंक बंद रहे। बैंकों में काम-काज ठप रहने से लोगों को परेशानी हुई। एस्ले हॉल चौक स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सामने प्रदर्शन करते हुए उत्तरांचल बैंक एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री जगमोहन मेंदीरत्ता ने कहा कि बैंकों की एक दिवसीय हड़ताल में प्रदेशभर से 3300 कर्मचारी शामिल रहे। हड़ताल के चलते प्रदेशभर की 1500 शाखाओं में कामकाज ठप रहा। इससे दो हजार करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने एजेंडे में राष्ट्रीकृत बैंकों को मिलाकर पांच या छह बड़े बैंक बनाने का निर्णय लिया है। वर्ष 2017 में छह बैंकों का स्टेट बैंक में विलय किया गया था, जिसके कारण छह हजार से अधिक शाखाएं बंद हुई, जबकि दस हजार से अधिक कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत किया गया। देना बैंक व विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय की प्रक्रिया भी अभी पूरी नहीं हो पाई है। इसके बावजूद अब केंद्र अन्य बैंकों का भी विलय कर बैंक कर्मियों की नौकरी छीनने का काम कर रही है।

Posted By: Inextlive