-एसएसपी के सामने फूटा भाजपाइयों का गुस्सा

-पुलिस ऑफिस में काटा जमकर हंगामा

-एसएसपी को बंधक बनाकर बुद्धि शुद्धि के लिए गाए भजन

-कार्यालय परिसर में दरी बिछाकर किया धरना प्रदर्शन

-एसएसपी ने मांगी चौबीस घंटे की मोहलत

Meerut: मेयर प्रकरण में कोई कार्रवाई न होने से एक हफ्ते से पनप रहा भाजपाइयों का आक्रोश गुरुवार को एसएसपी ऑफिस में फूट पड़ा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नेतृत्व में सैंकड़ों की तादात में पुलिस दफ्तर पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि प्रकरण में सपा सरकार के दवाब के चलते पूरा पुलिस अमला होर्डिग माफिया को बचाने में जुटा है, जिसका परिणाम है कि अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

पुलिस के खिलाफ नारेबाजी

नगर निगम में हड़ताल के बाद भी सुस्त चल रहे मेयर प्रकरण को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने नई संजीवनी दे दी। गुरुवार करीब साढे़ बारह बजे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नेतृत्व में पार्टी की पदाधिकारी, प्रतिनिधि और सैकड़ों कार्यकर्ता कमिश्नरी चौराहे पर एकजुट हुए, जिसके बाद कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस ऑफिस पहुंचे। दफ्तर में एसएसपी के न मिलने पर भाजपाइयों ने जमकर नारेबाजी व हूटिंग शुरू कर दी और एसएसपी के आने तक इंतजार करने को कहा।

एसपी देहात ने मनाया

कार्यकर्ताओं का उग्र रवैया देख दफ्तर में मौजूद एसपी देहात कैप्टन एमएम बेग ने भाजपा नेताओं को शांत करने के लिए प्रयास किया तो उन्होंने बात करने से साफ इनकार कर दिया, जिस पर एसपी देहात ने तुरंत मामले की सूचना फोन पर एसएसपी ओंकार सिंह को दी।

धरने पर बैठे कार्यकर्ता

एसएसपी के न आने पर भाजपा नेताओं ने पुलिस ऑफिस में दरियां बिछाकर धरने पर बैठ गए। जिसके बाद पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने वहीं पर भट्ठी लगाकर खाने पीने की व्यवस्था करने की बात कही।

एसएसपी का घेराव

भाजपाइयों के हंगामे की खबर पर दफ्तर पहुंचे एसएसपी ओंकार सिंह ने पार्टी के नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित कर ऑफिस के भीतर आने को कहा, तो कार्यकर्ताओं ने ऑफिस में घुसकर हंगामा करना शुरू कर दिया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने दफ्तर में रखी कुर्सियों को इधर-उधर फेंकते हुए खिड़कियों में लगे परदे तक खींच डाले।

मेरठ पुलिस अपराधियों के साथ

एसएसपी ओंकार सिंह से वार्ता करते हुए भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि पुलिस अफसरों के मोबाइलों में मेरठ पुलिस आपके साथ की कॉलर ट्यून लगाई है, जबकि वास्तविकता में मेरठ पुलिस अपराधियों के साथ है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों में यदि थोड़ी भी लिहाज बची है तो उन्हें अपनी कॉलर ट्यून चेंज कराते हुए मेरठ पुलिस अपराधियों के साथ करा लेनी चाहिए।

गूंजे सवाल

-होर्डिग माफिया ज्ञानेन्द्र चौधरी के गिरफ्तारी के लिए पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है।

-आरोपी की मोबाइल को सर्विलांस पर क्यों नहीं लगाया गया, इसके पीछे क्या कारण है।

-मेयर पर पिस्टल पर तानने वाले के खिलाफ रासुका के अंतर्गत मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया।

-तेल चोरी के मामले में भारत सरकार के चोर ज्ञानेन्द्र के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।

-आरोपी के फरार बताए जाने की स्थिति में उसके घर की कुर्की क्यों नहीं की गई।

-मेयर द्वारा पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी आरोपियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

-चीफ सेकेट्री के समान प्रोटोकॉल वाले मेयर के साथ एसएसपी सिटी ने अभद्रता क्यों की।

-पूरे प्रकरण में संदिग्ध चल रहे एसपी सिटी के खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है।

ये उठी मांगे

-होर्डिग माफिया को गिरफ्तार किया जाए।

-पार्षदों पर दर्ज कराए गए फर्जी मुकदमों को निरस्त किया जाए।

-प्रथम नागरिक से अभद्रता करने पर एसपी सिटी का माफीनामा आए।

-मेयर पर हमला करने वाले के खिलाफ फ्07 की धारा में मुकदमा दर्ज हो।

-तेल चोरी में आरोपी की जमानत को निरस्त किया जाए।

पुलिस को सम्मति दे भगवान

हंगामे के दौरान भाजपाइयों ने एसएसपी के सामने ही धरने पर बैठक पुलिस की बुद्धि-शुद्धि के लिए भजन गाए। प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर जोर जोर से रघुपति राघव राजा राम, पुलिस को सम्मति दे भगवान के भजन गाए।

कार्यकर्ताओं ने किया शंखनाद

एसएसपी ओंकार सिंह से वार्ता करते समय पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शंखनाद करते हुए रण क्षेत्र में उतरने की घोषणा की। पुलिस कर्मियों ने द्वारा मना करने पर कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की भी हुई।

मानी मांगे--

हंगामे के बीच बेबस नजर आए एसएसपी ने भाजपाइयों की मांगे स्वीकार करते हुए चौबीस घंटे की मोहलत मांगी। एसएसपी ने आरोपी को गिरफ्तारी और पार्षदों से मुकदमें वापस लेने का आश्वासन दिया, जिसके बाद भाजपाई वापस लौटे।

Posted By: Inextlive