Meerut : किसानों और राजनीतिक दलों के बढ़ते दबाव के बाद शुगर मिलें भले ही चल गए हों लेकिन किसानों की समस्याओं का अभी अंत नहीं हो सका है. गुरुवार को भाकियू ने समस्याओं के निदान की मांग को लेकर हाईवे-58 पर सुबह दस बजे से चक्का जाम किया. जाम से हाईवे की रफ्तार करीब दो घंटे तक थमी रही. इससे वाहनों में सवार यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.


सड़क पर आए किसानभारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर सुबह दस बजे मेरठ से गुजर रहे हाईवे-58 पर किसान सुबह आठ बजे जम गए। किसानों ने सिवाया और टोल प्लाजा के पास हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ा कर जाम किया। किसान जाम के दौरान सड़क के बीच में बैठ गए और ताश खेलते रहे।किसानों की हैं तीन मांगमिल चलने के बाद भाकियू ने किसानों की तीन मांगों को पूरा करने की मांग सरकार से की है। इसमें पिछले वर्ष का बकाया भुगतान, चालू पेराई सत्र में 350 रुपये प्रति क्विटल गन्ना भुगतान और मिल चलने में देरी होने से किसानों को हुई क्षति का मुआवजा मुख्य मांगे हैं।यात्रियों को हुई परेशानी
चक्का जाम के दौरान हाईवे पर वाहनों की लंबी लाइन लगी। वाहनों में सवार यात्री इस दौरान काफी परेशान रहे। जबकि लोकल यात्री वाहनों से उतरकर पैदल अपनी मंजिल की ओर जाते दिखे। लंबी दूरी और निजी वाहनों में सवार यात्री जाम खुलने का इंतजार करते रहे।"किसानों की समस्याओं को लेकर मेरठ और सहारनपुर मंडल में चार घंटे चक्का जाम किया गया। शीघ्र मांगे नहीं मानने पर उग्र आंदोलन शुरू होगा."- कुलदीप त्यागी, जिला प्रवक्ता भाकियू

Posted By: Inextlive