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RANCHI (23 ह्रष्ह्ल)

छठी जेपीएससी पीटी परीक्षा में हुई गड़बडि़यों की भेंट झारखंड की प्रतिभाएं चढ़ रही हैं। 326 पदों के लिए जेपीएससी पीटी की परीक्षा दिसंबर 2016 को ली गयी थी। इसका रिजल्ट फरवरी में प्रकाशित किया गया था। चूंकि रिजल्ट का कोई कट ऑफ नहीं बताया गया था इसलिए परीक्षा विवादित हो गयी थी और परीक्षार्थियों ने रिजल्ट का विरोध किया था। परीक्षा के रिजल्ट में पांच हजार से अधिक अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे।

अधिक अंक लानेवाले भी हुए थे असफल

जेपीएससी पीटी परीक्षा का जब रिजल्ट प्रकाशित किया गया कि देव कुमार सफल अभ्यर्थियों से अधिक अंक लाकर भी परीक्षा में असफल रहे। जब उन्होंने इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में रिट पेटिशन किया तो जेपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि रिजल्ट राजस्थान और आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार निकाला गया है। आदेश के अनुसार ही पीटी परीक्षा में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया। परीक्षा में एक दूसरी गड़बड़ी तब सामने आयी जब खुशी लाल महतो जिनका रोल नंबर 6801703 था को प्रथम सूची में ही 184 अंक लाने के बावजूद सफल घोषित किया गया। जबकि एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थी 188 और 190 अंक लाकर भी असफल रहे। जेपीएससी ने खुशी लाल महतो का रिजल्ट स्पोर्टस कैटेगरी में बताकर इससे पल्ला झाड़ लिया। पर चूंकि स्पोर्टस कोटा भी रिजर्वेशन की श्रेणी में आता है इसलिए जेपीएससी का यह तर्क भी गले नहीं उतरता। इसके अलावा जेपीएससी की पहली से पांचवीं पीटी परीक्षा में आरक्षण के नियमों का पालन किया गया। इसलिए छठी जेपीएससी में इसका पालन नहीं किया जाना उचित नहीं लगता।

आंध्र और राजस्थान का जजमेंट क्यों लागू किया गया

जेपीएससी पीटी परीक्षा के रिजल्ट का विरोध कर रहे आदिवासी छात्र संघ के रांची यूनिवर्सिटी अध्यक्ष संजय महली ने बताया कि परीक्षा के रिजल्ट में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जाना झारखंड के उम्मीदवारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। झारखंड में राजस्थान और आंध्रप्रदेश का जजमेंट लागू किया जाना उचित नहीं है। छठी जेपीएससी के रिजल्ट में आरक्षण नियमों का पालन किया जाना चाहिए। वहीं सुरेंद्र पासवान ने बताया कि छठी जेपीएससी पीटी के रिजल्ट में घोटाला हुआ है। इसे रदद किया जाना चाहिए। यह झारखंड के छात्रों के साथ धोखा है।

बॉक्स का मैटर

संघ ने निकाला मशाल जुलूस

जेपीएससी पीटी परीक्षा में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किए जाने के विरोध में आदिवासी छात्र संघ ने सोमवार को मशाल जुलूस निकाला। जुलूस रांची विश्वविद्यालय परिसर से निकलकर अल्बर्ट एक्का चौक तक गया। इसका नेतृत्व एसीएस के आरयू अध्यक्ष संजय महली ने किया। उन्होंने कहा कि छठी जेपीएससी पीटी के रिजल्ट में अनियमितता बरती गयी है इसलिए इसे रदद कर नये सिरे से परीक्षा ली जाये। परीक्षाफल में आरक्षण नियमों का पालन किया जाय। जाति, आय और अवासीय प्रमाण पत्र अविलंब जारी किया जाय जिससे छात्रों को परेशानी न हो।

वर्जन- छठी जेपीएससी पीटी परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी है। इसमें कम अंक लानेवाले अभ्यर्थी को पास कर दिया गया वहीं अधिक अंक लानेवाले को फेल कर दिया गया। इसलिए परीक्षा को रदद कर जेपीएससी को नये सिरे से परीक्षा लेनी चाहिए

संजय महली, एसीएस, आरयू अध्यक्ष

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छठी जेपीएससी पीटी परीक्षा एक बड़ा स्कैम है। इस परीक्षा में आंध्र प्रदेश और राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार रिजल्ट होना झारखंड के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। इसे रदद किया जाना चाहिए।

सुरेंद्र पासवान

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जेपीएससी परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी हुई है। इसमें या तो जेपीएससी आरक्षण नियमों का पालन करते हुए सुधार करे या नये सिरे से परीक्षा आयोजित करे। रिजल्ट में पारदर्शिता नहीं है और कायदे-कानून को ताक में रखकर रिजल्ट घोषित किया गया है।

मनोहर तिर्की

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झारखंड में पहली से लेकर पांचवी जेपीएससी परीक्षा में आरक्षण नियमों का पालन किया गया। छठी जेपीएससी में इसका अनुपालन नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें अविलंब सुधार किया जाना चाहिए।

कमल तिर्की

Posted By: Inextlive