- एसएसपी ऑफिस की कुर्सियां उठाकर फेंक दी, परदे भी खींच दिए

-भीड़ के सामने बेबस नजर आए अधिकारी

Meerut: मेयर के समर्थन में उतरे पुलिस ऑफिस पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने सभी मर्यादाएं लांघ दी। गुस्साए लोगों ने एसएसपी के दफ्तर की न केवल कुर्सियां उठाकर बाहर फेंक दी, बल्कि खिड़कियों पर टंगे परदे तक भी खींच दिए। अपनी आंखों के सामने यह सब होता देख पुलिस के आला अधिकारी बेकाबू भीड़ के सामने बेबस नजर आए।

मर्यादाएं भी भूल गए

मेयर समर्थित प्रदर्शनकारी इतने जबरदस्त आक्रोश मे थे कि वो अपनी सीमाएं व मर्यादाएं भी भूल गए। उन्होंने एसएसपी ऑफिस में घुस कर कप्तान के सामने ही न केवल शंख बजाकर जंग का एलान किया, बल्कि दफ्तर के भीतर ही ताली-बजा-बजा कर रघुपति राघव राजाराम, पुलिस को सम्मति दे भगवान आदि गाकर पुलिस के मुखिया का मजाक भी उड़ाया।

कप्तान ने की खुशामद

लाख समझाने के बाद भी जब प्रदर्शनकारी पुलिस को कोसने से नहीं मानें तो एसएसपी ने प्रदर्शनकारियों के नेताओं की खुशामद तक कर डाली, लेकिन बावजूद इसके बौखलाए लोग पुलिस का जुलूस निकालने से बाज नहीं आए।

एसएसपी को सिखाया प्रोटोकॉल

प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं ने एसएसपी के सामने न केवल पूरे पुलिस महकमे को कोसा, बल्कि पुलिस मुखिया को प्रोटोकॉल का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा कि शायद एसएसपी और उनकी टीम को प्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल की जानकारी नहीं है। इसी लिए चीफ सेक्रेटरी के प्रोटोकॉल वाले मेयर को इतना कमजोर बना दिया।

पुलिस भी नहीं कम जिम्मेदार

एसएसपी के घेराव वाले दिन जितनी मर्यादाएं प्रदर्शनकारियों ने लांघी, इस पूरे प्रकरण में उतनी ही जिम्मेदार मेरठ की पुलिस भी है। आज जबकि मेयर प्रकरण को जोर पकड़े एक हफ्ते से भी अधिक का समय हो गया है, बावजूद इसके आरोपी खुला घूम रहा है। ऐसा तो तब है जब पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की चौखट पर न्याय की गुहार लगा चुके मेयर ने पार्षदों को साथ लेकर नगर निगम में हड़ताल कर दी, लेकिन कान में तेल डालकर सो रही पुलिस धरने के चौथे दिन भी हरकत में नहीं आई और अपनी छीछालेदर करा ली।

Posted By: Inextlive