-जुटे 300 से अधिक विशेषज्ञ, दो दिन इलाज की नई तकनीक पर करेंगे चर्चा

PATNA: मोलीकुलर ऑनकोलोजी सोसाइटी की ओर से 5वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजन होटल चाणक्या में किया गया। जिसमें मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। आशीष गुलिया ने कहा कि कैंसर के इलाज में प्रोटॉन बीम थेरेपी काफी कारगर साबित हो रही है। इसका शरीर पर दुष्प्रभाव भी कम होता है। बीमारी भी जल्द ठीक हो जाती है। विदेशों के साथ देश में भी इस पर काम शुरू हुआ है। सम्मेलन में देश भर के कैंसर विशेषज्ञों ने कैंसर जैसी बीमारियों के रोकथाम पर कारण पर चर्चा किए। सम्मेलन में आए एक्सपर्ट ने कहा कि बिहार में 60-65 फीसदी कैंसर मरीजों की प्रतिवर्ष मौत हो जाती है। यदि यह सिलसिला नहीं थमा तो स्थिति भयावह हो सकती है। बिहार में कैंसर मरीजों की संख्या में वृद्धि जागरूकता के अभाव में हो रही है।

पुरुषों में मुंह-गले का कैंसर

पुरुषों में 50 फीसद कैंसर मुंह एवं गले का होता है, जबकि महिलाओं में स्तन व बच्चेदानी के कैंसर अधिक होते हैं। सम्मेलन का उदघाटन आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ। एनआर विश्वास और डॉ। वी। सान्याल समेत अन्य ने किया।

गंगा किनारे गॉल ब्लाडर कैंसर ज्यादा

वहां आए डॉक्टरों ने बताया कि एक शोध के अनुसार गंगा किनारे वाले जिलों में गॉल ?लाडर के कैंसर मरीज सर्वाधिक हैं। बिहार में गंगा बहती है। इस वजह से यहां कैंसर के मरीज अधिक मिल रहे हैं क्योंकि गंगा किनारे वाले इलाके में पानी में ऑर्सेनिक की मात्रा अधिक रहता है जो कैंसर की मुख्य वजह है। इसके कारणों का पता किया जा रहा है।

मोलीकुलर लेवल पर होती है जांच

दिल्ली से आए कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। रणदीप सिंह ने कहा कि अलग- अलग मरीज के लिए अलग-अलग तरह की जांच जो मोलीकुलर लेवल पर होता है। जिसमें जीन में हो रहे परिवर्तन का पता कर दवा निर्धारित की जाती है।

Posted By: Inextlive