अक्‍सर लोग यह कहते हैं म‍िल जाते हैं क‍ि सरकारी नौकरी नहीं होने से उन्‍हें बुढ़ापे में पेंशन का भी सहारा नहीं है। ऐसा सोचने वाले लोगों को इसके ल‍िए ज्‍यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकारी नौकरी हो या न हो उन्‍हें भी सरकारी कर्मचार‍ियों जैसे कई बड़े फायदे म‍िल सकते हैं। हालांक‍ि इसके ल‍िए ईपीएफ यानी कि‍ एम्पलॉईज प्रोविडेंट फंड की सर्वि‍स के तहत होना जरूरी है...

सरकार भी अपना हिस्सा मिलाती
जी हां जिन लोगों का ईपीएफ के तहत बेसिक सैलरी सैलेरी का 12 फीसदी हर महीने कट रहा है। वे सरकारी कर्मचारियों की तरह फायदे पा सकते हैं। ईपीएफ में कर्मचारी की सैलरी का 12 फीसदी हर माह कटता है। वहीं इसमें कंपनी यानी कि इंप्लॉयर भी इसमें 12 फीसदी जमा करती है, जिसमें कंपनी के कंट्रीब्यूशन से 8.33 प्रतिशत ईपीएस यानी कि पेंशन खाते में जाता है। पेशन खाते में सरकार भी अपना हिस्सा मिलाती है।

पेंशन और इन्श्योरेंस की सुविधा
बतादें कि अभी देश भर में 1 करोड़ से अधिक कंपनियां और फर्म काम कर रही हैं, लेकिन केवल 10 लाख कंपनियां ही ईपीएफओ से रजिस्टर्ड हैं। केंद्र सरकार देश भर के 40 करोड़ श्रमिकों को भी जल्द ही पीएफ-पेंशन और इन्श्योरेंस की सुविधा देने जा रही है। सरकार का मकसद इस इससे मजदूर वर्ग को भी ईपीएफ स्कीम और सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है। जिससे कि उनका भविष्य काफी हद तक सुरक्षित हो सके।

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Posted By: Shweta Mishra