सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारि‍यों और भारतीय बैंक संघ के बीच आखिरकार कुछ मांगों पर सहमति बन गई है. इन शर्तो में 15 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी तथा महीने के दूसरे एवं चौथे शनिवार को अवकाश घोषित किया जाना शामिल है. इसके बाद बैंक कर्मियों ने आगामी हड़ताल को रद कर दिया है.


बैंक कर्मचारियों की मांगे पूरी
पीएसयू बैंक कर्मचारियों ने पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष छेड़ रखा था. लेकिन अब बैंक कर्मियों और भारतीय बैंक संघ के बीच सहमति बन गई है जिससे बैंक कर्मियों की मांगों के पूरी होने का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही बैंक कर्मियों ने आगामी हड़ताल को भी रद कर दिया गया है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के प्रेसीडेंट के. के. नायर और बैंक और बड़ौदा निदेशक प्रेम मक्कड़ ने कहा कि यह खबर सुनकर सभी बैंक कर्मचारी काफी खुश हैं. इसके लिए वे सरकार के शुक्रगुजार हैं. इसके साथ ही ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) प्रमुख एस. एस. सिसोदिया ने कहा कि आईबीए बैंककर्मियों के वेतन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी पर राजी हो गया है. उन्होंने बताया कि वेतन में नए सिरे से जोड़-घटाव किए जाने से पहले वेतन में वर्तमान महंगाई भत्ते को जोड़ा जाएगा. जानें बैंककर्मियों के फायदे


बैंककर्मियों और भारतीय बैंक संघ के बीच विवाद की असल वजह बैंककर्मियों का वेतन एवं उन्हें मिलने वाली छुट्टियां रही हैं. लेकिन भारतीय बैंक संघ की सहमति के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंककर्मियों को 1 नवंबर 2012 से 15 प्रतिशत बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा. इसके अलावा महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी रहा करेगी. हालांकि बैंक कर्मियों को पहले और तीसरे शनिवार को पूरे दिन काम करना होगा. उल्लेखनीय है कि बैंककर्मियों की सेलरी में हुई बढ़ोत्तरी से सरकारी बैंकों पर प्रतिवर्ष 4725 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

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Posted By: Prabha Punj Mishra