- आए दिन सर्वर दे रहा है धोखा डेढ़ माह के अंदर भी सिस्टम में नहीं हुआ कोई सुधार

- ढाई से तीन माह का लग रहा है लर्निग लाइसेंस बनने में समय

आगरा। जुर्माना न देना पडे़ इसके लिए लोग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ आफिस का रुख कर रहे हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। सर्वर आए दिन बैठ जाता है। जिसके कारण लोग वापस लौट जाते हैं या फिर घंटों इंतजार करते हैं। इस स्थिति में आवेदकों का कहना है कि इसमें हमारा क्या कसूर है। ऐसे आवेदकों का कहना है कि हम तो लाइसेंस बनवाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन समय पर नहीं बन पा रहा है। ऐसे में फील्ड में टै्रफिक पुलिस और परिवहन विभाग का डर है। वहीं दूसरी ओर आरटीओ आफिस में सर्वर साथ नहीं दे रहा है।

आखिर समय पर कैसे लाइसेंस

दो माह की वेटिंग, सर्वर साथ नहीं दे रहा है। टै्रफिक पुलिस या फिर परिवहन विभाग के हत्थे चढ़ गए थे तो पांच हजार रुपये का जुर्माना। इस सभी समस्याओं को लेकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की जुबान पर एक ही सवाल है। वो है आखिर कैसे मिले लाइसेंस। दो ढाई माह बाद का स्लॉट मिलने के बाद जब आरअीओ आफिस पहुंचते हैं तो वहां पर सर्वर साथ नहीं दे रहा होता है। घंटो लाइन में लगना पड़ता है। इसके बाद पता चला कि सर्वर चला गया। फिर सर्वर आने का इंतजार। ऐसे में लर्निग लाइसेंस से लेकर रिन्यूवल कराने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। ऐसे में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पता चलता है कि स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं हो सकता है। सर्वर का कंट्रोल लखनऊ से है। स्थानीय स्तर से तो केवल शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। ठीक होना न होना लखनऊ से ही फिक्स है। ऐसे में लास्ट में सफर आवेदकों ही करना पड़ रहा है। आए दिन सर्वर की समस्या खड़ी हो जाती है।

जुर्माने के साथ ही सिस्टम पर भी देना चाहिए ध्यान

आवेदकों का कहना है कि जिस तरह जुर्माना राशि को बढ़ाया गया है, उसी तरह से सिस्टम को भी दुरुस्त किया जाना चाहिए था। दो माह की वेटिंग और इसके बाद अन्य प्रक्रिया होने तक अगर चेकिंग के दौरान आवेदक पकड़ा जाता है तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा। इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है।

जिम्मेदारों का ये है कहना

आरटीओ कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि सर्वर से संबंधित समस्या का समाधान उनके स्तर से संभव नहीं है। शिवाय शिकायत दर्ज कराए जाने के। अधिकारी इस बात को जरूर स्वीकार कर रहे हैं कि सर्वर की समस्या आए दिन खड़ी हो जाती है।

Posted By: Inextlive